बारिश सिर्फ शहर की सडको को ही पानी पानी नहीं करती बल्कि सरकार के वदो को भी उस पानी में डूबा देती है। एक तरफ बारिश आने से लोगो को गर्मी से राहत मिलती है वही दूसरी और जल भराव जैसी भारी समस्या से जूझना पड़ता है ,अब तो परेशानी इतनी बड्ड चुकी है लोगो को समज नहीं आता की बारिश के आने से खुश होए या फिर जलभराव के साथ आने वाली समस्याओं से परेशान। बता दे की हरियाणा व दिल्ली में दो दिन पहले हुई जोरदार बारिश के बाद अब एक बार फिर से मौसम विभाग ने फिर से अलर्ट जारी किया है।
हरियाणा के अनेक शहरों में 18 अगस्त तक बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। वीरवार व शुक्रवार को बारिश के बाद मौसम सुहाना हुआ है और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने एक बार फिर से 18 अगस्त तक बारिश होने को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक हरियाणा के अनेक शहरों व दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के बीच बारिश होने की संभावना है।
एक दिन की बारिश से पूरा शहर पानी पानी हो जाता है,और अगर बारिश तीन दिन की है तो पूरा शहर दुब भी सकता है | हाल में दिल्ली-एनसीआर व हरियाणा के कई शहरों में आई जोरदार बारिश से जलभराव व वाहनों का लंबा जाम लग गया था ।
दिल्ली के कई इलाके तो बारिश की वजह से तालाब बन गए। जिसमें डीटीसी की बसें व कई गाडिय़ां बुरी तरह से डूब गई। इसी प्रकार से राजस्थान के जयपुर शहर की हालत भी बारिश के चलते बदत्तर रही। जयपुर में तो बरसाती पानी ने इस कदर उत्पात मचाया कि सडक़ों पर खड़ी कारें डूब गई और रिहायशी इलाकों में पानी सैलाब बनकर बहने लगा। कमोबेश यही हालत फरीदाबाद, गुरूग्राम सहित आसपास के कई इलाकों में देखने को मिले । जहां बारिश के चलते सडक़ें पानी से लबालब भर गई और सडक़ों पर घंटों लंबा जाम लगा रहा।
हालांकि मानसून की बारिश एकसमान ना होने की वजह से हरियाणा के कई जिले बारिश से अछूते भी रहे हैं। पश्चिमी हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी व चरखीदादरी सहित आसपास के इलाकों में बारिश ना के बराबर हुई है। मानसून के मौसम में 1 अगस्त से 15 अगस्त के बीच हरियाणा के करीब 12 जिलों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि संभावना है कि जिन इलाकों में कम बारिश हुई है, आगामी दिनों में वहां पूर्ति हो सकती है।