कोरोना वायरस का गढ़ बन चुके दिल्ली से फरीदावासी को कोसो दूर कर दिया है। इसलिए यह कहर बरपाती रहीं तो आने वाले समय में दिल्ली की हालत दयनीय अवस्था में पहुंच सकती हैं। इस विषय पर ध्यान देते हुए अब बदरपुर बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया है।
इस फ़ैसले के उपरांत हर छोटे से बड़े काम के लिए लोगों का यहां से निकलना दुभर हो गया है। सबसे ज़्यादा मशकत उन लोगों के सामने आ खड़ी हुई है, जिनके पारिवारिक व्यक्ति का इलाज दिल्ली के अस्पतालों में चल रहा है।
इस विषय पर ज़्यादा जानकारी देते हुए गजेंद्र शर्मा ने बताया कि ऐसे बढ़ते मामलों को रोकने के लिए प्रशासन ने बॉर्डर को सील करने का निश्चय किया है।
इस बार्डर से केवल वही लोग फरीदाबाद में और फरीदाबाद से दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं, जिनके पास अधिकृत अनुमति है।
एसीपी शर्मा ने बताया कि जिन लोगों को कोई आपात स्थिति होती है, उन्हें वे लॉकडाउन पास लेने और पास की प्रक्रिया से अवगत करवाते हैं।
कई लोगों ने बताया कि उनके परिजन कोरोनावायरस प्रसार से पहले ही अन्यान्य रोगों से पीड़ित थे।उनका दिल्ली में इलाज चल रहा है। किंतु कभी डॉक्टर से कंसल्टेशन या दवाईयां लाने के लिए उन्हें दिल्ली जाने की जरूरत पड़ रही है।
ऐसे ही इस विषय से संबंधित पीड़ित लाली सिंह नेबताया कि उनकी पत्नी लकवा ग्रस्त है। अब तबियत बिगड़ गई है। उन्हें एम्स में ले जाना जरूरी हो गया है।
लाली सिंह ने बताया कि उन्होंने कई जगह हाथ -पैर मारे, लेकिन को लाभ नहीं हुआ। वहीं एक अन्य व्यक्ति रवि ने बताया कि वे अपनी मां के इलाज के लिए एम्स जाना चाहते हैं, लेकिन अब बार्डर खुलेगा, तब ही बात बनेगी।