अगले साल तक पूरा हो जाएगा दिल्ली-एनसीआर में तितली कॉरिडोर का निर्माण

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कुछ दिन बाद राजधानी में कैपिटल बटरफ्लाई मंथ मनाया जाएगा। जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में तितलियों के लिए 40 हॉटस्पॉट्स बनाए जाएंगे। इन हॉटस्पॉट्स का निर्माण पिछले एक साल से चल रहा है। साल के अंत तक तकरीबन 100 नए हॉटस्पॉट्स बनने की बात की जा रही है।

इस मुहीम में जुटे अफसरों का कहना है कि साल के आखिर में यह बटरफ्लाई कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा। बटरफ्लाई मंथ की स्थापना करने वाली बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी का कहना है कि कोरोना के प्रकोप से प्लांटेशन सुरक्षित है और पौधे तेज़ी से बड़ रहे हैं। ऐसे में मानसून सीजन के चलते जयादा से ज्यादा तितलियाँ इन हॉटस्पॉट्स की तरफ आकर्षित होंगी जिससे पौधे भी तेज़ी से विकसित हो सकेंगे।

अगले साल तक पूरा हो जाएगा दिल्ली-एनसीआर में तितली कॉरिडोर का निर्माण

बटरफ्लाई कॉरिडोर की मुहीम का नेतृत्व करने वाले सोहेल मैदान का कहना है कि इस मुहीम में बहुत सारे स्कूल और कॉलेज भी भाग ले रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, पब्लिक पार्क और प्राइवेट पार्क में तितलियों के लिए इन हॉटस्पॉट्स का निर्माण किया जाएगा। साथ ही साथ आरडब्लयूए से भी इन पौधों को अपनाने और इनकी देख रेख की बात की गई है। उन्होंने बताया कि स्कूल और कॉलेज में अभी तक 8 बटरफ्लाई पार्कों का निर्माण करवाया जा चूका है।

अगले साल तक पूरा हो जाएगा दिल्ली-एनसीआर में तितली कॉरिडोर का निर्माण

13 पब्लिक और 19 प्राइवेट पार्कों में बहुत सारे मेज़बान पौधों का आरोपण किया गया है। इन पौधों के माध्यम से तितलियों को आकर्षित किया जाएगा। सोहेल ने बताया कि कोरोना के चलते काम थोड़ा धीमा पड़ गया है पर पौधरोपण अब भी जारी है। राजधानी में इन्हे ताज एन्क्लेव, हौज़ रानी फारेस्ट के अलावा पश्चिम विहार, मंदाकिनी एन्क्लेव, दयानन्द कॉलोनी और शांति निकेतन के पार्कों में भी लगाया जाएगा। फरीदाबाद में भी तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही साथ फरीदाबाद के कई क्षेत्रों में भी हॉटस्पॉट्स का निर्माण किया जाएगा।

अगले साल तक पूरा हो जाएगा दिल्ली-एनसीआर में तितली कॉरिडोर का निर्माण

बटरफ्लाई मंथ की शुरुआत 5 सितंबर से होगी। बटरफ्लाई मंथ का उद्देश्य है लोगों को तितलियों की जानकारी देना। इस महीने में तितलियों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और ऑरिगेमी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिसमे स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चो के साथ साथ बड़े भी भाग ले सकेंगे।