हरियाणा सरकार ने विद्यार्थियों के लिए उठाया सबसे बड़ा कदम : महामारी कोरोना का प्रकोप जिस प्रकार बढ़ रहा है उस से आशा नहीं लगा सकते कि यह कब कम होगा। सीबीएसई की तर्ज पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बाेर्ड भी 9 वीं से 12 वीं तक का तीस प्रतिशत पाठ्यक्रम कम करेगा। पाठ्यक्रम में कौन-कौन कौन-कौन से चैप्टर कम किए जाए केवल इस बात का फैसला बाकी है। विद्यार्थियों के लिए यह खबर किसी चॉक्लोट से कम नहीं।
सबसे अधिक प्रभाव यदि अर्थव्यवस्था के बाद महामारी का पड़ा है तो वे शिक्षा ही है। कोरोना के चलते हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम कम करने का फैसला लिया है।
गत वर्षों की बात करें तो अगस्त के माह तक सभी कॉलेज में दाखिला प्रक्रिया पूर्ण हो जाती हैं, लेकिन कोरोना के चलते सब बंद है। अगस्त के अंत तक यह पता चल जाएगा कि किस कक्षा से कौन कौन से चैप्टर कम किए जाएंगे। बोर्ड प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि कौन कौन से चैप्टर कम किए जाए, जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जा चुका है उसमें से भी कम किया जाए या जो अब तक नहीं पढ़ाया गया है उसे कम किया जाए।
दाखिला प्रक्रिया से लेकर एक्साम्स तक सभी कुछ महामारी की मार ने प्रभावित किया हुआ है। पाठ्यक्रम कम करने काे लेकर बाेर्ड प्रशासन की शिक्षा विभाग के एसीएस की मीटिंग हाे चुकी है। यह मीटिंग जुलाई माह में हुई थी। मीटिंग के दौरान बोर्ड ने एसीएस को अपनी योजना के बारे अवगत करवा दिया था। अब सारा मामला कौन कौन से चैप्टर कम किए जाए व स्कूल कब से खुलेंगे, इस पर टिका हुआ है।
कोरोना वायरस ने सब कुछ बदल के रख दिया है। ऑनलाइन क्लास हो या वेबिनार सभी कुछ यह पीड़ी लगभग पहली बार देख रही है। कोविड के चलते स्कूलों की छुट्टियां चल रही है। अब तक एक दिन भी कक्षाएं नहीं लगी है। अमुमन शैक्षणिक सत्र अप्रैल से फरवरी माह तक चलता है, क्यों कि मार्च में अमुमन परीक्षाएं शुरू हो जाती है।