बारिश की आड़ में चोरी की कई वारदातो को अंजाम देकर चोरो ने पुलिस को दिखाया ठेंगा। दो दिन से लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण चोरों ने कई वारदातो को अंजाम देते हुए कई इलाकों में चोर कारों के सभी टायर खोलकर ले गए तो कहीं पर गाड़ी उठाकर ले गए।फरीदाबाद में चोरों ने अपने हाथ की सफाई दिखाते हुए पुलिस को ठेंगा दिखा दिया।
एनआईटी नंबर-1 स्थित ए. ब्लाक के मकान नंबर 121 के बाहर खड़ी काले रंग एकार्ड कार के चारों पहिए खोलकर ले गए। भारी बारिश के चलते लोग रात को अपने घरों में कैद होकर रह गए थे, जिसका चोरों ने पूरा फायदा उठाया।
इसी प्रकार से 1 नंबर-डी. ब्लाक में भी चोरों ने अपने हाथ की बाखूबी सफाई दिखाई। इस ब्लाक से चोरों ने क्रेता गाड़ी को ईंटों पर खड़ा करके उसके पहिए खोलकर ले गए। दोनों ही मामले थाना कोतवाली के एरिया में घटित हुए हैं। इसी तरह से एनआईटी नंबर-5 से भी चोरों ने एक सफेद रंग की क्रेटा को अपना निशाना बनाया।
चोरों ने इस गाड़ी के पहिए भी उसी स्टाईल में उतारे, जैसे 1 नंबर में उतारे गए थे। माना जा रहा है कि यह एक गिरोह का ही काम है, जिसने एक ही तरीके से सभी कारों के पहिए उतारे हैं।
सैक्टर 16 से फारच्र्यूनर गाड़ी भी उड़ाई
चोरों ने फरीदाबाद में कारों के पहिए ही चोरी नहीं किए, बल्कि सैक्टर 16 से एक फारच्र्यूनर गाड़ी भी चोर उठाकर ले गए हैं। बताया गया है कि सफेद रंग की फारच्र्यूनर कार नंबर- एच आर 30- यू, 5393 को चोरी करने के लिए चोर एक ब्रेजा कार में आए थे। सीसीटीवी में चोरी की यह पूरी वारदात कैद हो गई है। विटारा ब्रेजा कार का नंबर दिल्ली का है। यह नंबर चोरी की गई कार का है। ब्रेजा कार का यह नंबर दिल्ली में रहने वाली किसी महिला के नाम पर अंकित है।
इस महिला ने एक महीना पहले ही पुलिस को शिकायत देकर कहा था कि उसकी कार की नंबर प्लेट चोरी कर ली गई है। यह चोर जहां भी चोरी की वारदात को अंजाम देने जाते हैं, वहां इसी नंबर को प्रयोग करते हैं। सैक्टर 16 में फारच्र्यूनर गाड़ी चोरी करने के दौरान भी इस नंबर का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस कमिश्नर के बीट सिस्टम का दावा हुआ फेल
वहीं दूसरी ओर पुलिस कमिश्नर ने पूरे फरीदाबाद जिले में बीट सिस्टम लागू कर रखा है। उनका इरादा बीट सिस्टम के जरिए हर छोटी बड़ी गली में पुलिस की निगरानी रखना है। मगर दो दिनों से आ रही भारी बारिश के चलते पुलिस का बीट सिस्टम गड़बड़ा गया, जिसके चलते यह चोरी की वारदात घटित हुई हैं। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं।