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नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

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अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान तथा निसर्ग हेर्ब्ज़ के सहयोग से नीम कैप्सूल के साथ कोविड-19 की रोकथाम पर भारत का पहला नैदानिक परीक्षण आयोजित.

1 भारत के सर्वोच्च आयुर्वेदिक संस्थान-ए.आई.आई.ए. द्वारा नीम कैप्सूल के लिए आयोजित यह पहला नैदानिक परीक्षण होगा।
2 ए.आई.आई.ए. ने निसर्ग हेर्ब्ज़ के साथ मिलकर 250 फ्र्रंटलाइन मेडिकल और नाॅन मेडिकल स्टाफ पर निसर्ग के नीम निर्माण का संचालन ई.एस्.आय.ई.सी. अस्पताल फरीदाबाद में करने का सहयोग किया है जो कोविड-19 रोगियों के ज्यादा संपर्क में होते है।
3 नैदानिक परीक्षणों के परिणाम नवंबर के अंत तक आने की उम्मीद है।

नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली ने ई.एस्.आई.सी. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, फरीदाबाद में एक डबल-ब्लाईड रैंडमाइज्ड, प्लेसिबो नियंत्रित परीक्षण करने के लिए निसर्ग हेर्ब्ज़ की मूल कंपनी निसर्ग बायोटेक प्राईवेट लिमिटेड के साथ अपने सहयोग की घोषणा की है।

प्रो. डाॅ. तनुजा नेसरी, एम.डी. पी.एच.डी., ए.आई.आई.ए. के निर्देशक फरीदाबाद मुख्य जांचकर्ता (Principle Investigator) और डाॅ असीम सेन, अध्यक्ष, ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, फरीदाबाद सह जांचकर्ता के तौर पर, 6 अलग डाॅक्टरों के दल के साथ जो की ए.आई.आई.ए. और ई.एस्.आई.सी. से है, मिलकर जांच में शामिल होगे।

नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

निसर्ग पहली भारतीय आयुर्वेदिक कंपनी है, जो की ए.आई.आई.ए. के साथ मिलकर अपने मालिकाना नीम एक्स्ट्ॅक्ट निर्माण का कोविड-19 के लिए प्रतिबंधक के तौर पर 250 लोगों में संचलन करेगी. इस संशोधन का नाम “Prophylaxis with Neem Capsule” ऐसा है।

रोगियों के संपर्क में आने वाले विषयों में मुख्य रूप से नीम कैप्सुल के निवारक प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस मानव परीक्षण के लिए भर्ती का पहला चरण 7 अगस्त से शुरू हो चुका है, जिसमें फाॅम्र्युला का परीक्षण किया जाएगा और 250 व्यक्तियों पर अध्यन किया जाएगा और यह एक डबल-ब्लाइंडट्यल होगा। जहां 125 मरीज अपने मालिकाना नीम कैप्सूल का उपयोग करेंगे, जब कि अन्य 125 लोग 28 दिनों के लिए खाली कैप्सूल लेंगे. दवा 28 दिनों के लिए लेना और 28 दिनों के अवलोकन अवधि के बाद प्रशासित की जाएगी और खाली कैप्सूल की तुलना में नीम कैप्सूल के प्रभाव की जांच की जाएगी. डबल-ब्लाइंड का मतलब न तो डाॅक्टर को पता है और न हीमरीज को पता है कि वह नीम कैप्सूल ले रहा है. तो नीम के प्रभाव के मूल्यांकन में किसी भी पूर्वाग्रह की संभावना नही होगी।

नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

इसके बारे में बोलते हुए, निसर्ग बायोटेक प्राईवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ श्री. गिरीश सोमणजी ने बताया” आर्युवेदिक फाॅम्र्युले के माध्यम से क्लिनिकल परीक्षण करने वाली कुछ बडी कंपनीया है, लेकिन निसर्ग भारत के शीर्ष आयुर्वेदिक संस्थान के सहयोग से अपने स्वयं के निधियों के साथ इस परीक्षण का संचालन करने वाली पहली निर्माता है. आयुर्वेद अस्पताल और संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को आधुनिक तरीके से आयुर्वेद पर शोध करने के लिए जाना जाता है। हमारा नीम निर्माण निवारक उपयोग में एक प्रभावी एंटीवायरल साबित होगा, और हम असेमानक दवा के रूप में पेश करने के लिए और आगे के शोध के लिए निधि अनिवेश देख रहे है।“ श्री. सोमणजी ने आगे कहाॅं, ”हम डाॅ. प्रो. तनुजा केसरी एम.डी. पी.एच.डी. निर्देशक, प्रमुख और ए.आई.आई.ए. नई दिल्ली में प्रोफेसर के नेतृत्व में इस अध्ययन को शुरू करने के लिए उत्साहीत है। डाॅ. नेसरी जी को आयुर्वेदिक और आधुनिक अनुसंधान में व्यापक अनुभव है और उनके इसी अनुभव से मूल्यांकन में बहुत मदद मिलेगी। “

डाॅ. मोहिनी बर्डे एम.डी. और मेडिकल डायरेक्टर ने साझा किए गए परीक्षण के अनुसार” नीम एक प्रसि़द्ध एंटीवायरल पौंधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में बुखार, दाद वायरस जैसे विभिन्न रोगों के लिए किया जाता है और यह मुक्तकण परिमार्जन गुणों के कारण रक्त को शुध्द करने के लिए जाना जाता है। विभिन्न रोंगों के प्रोफिलैक्सिस में आयुर्वेद का बहुत बडा योगदान है। नीम निर्माण का चयन करने का औचित्य पूर्व नैदानिक अध्ययनों में अन्टी फ्लॅमेटरी, एंटीवायरल और एंटीआक्सिडंट प्रभावों के साथ-साथ आणविक डाॅकिंग अध्ययनों पर आधारीत है जिसकी वजह से हम इस अध्ययन को शुरू करने के लिए उत्साहीत है क्योंकी ई.एस्.आई.सी. अस्पताल फरीदाबद में फ्रंटलाईन मेडिकल और नाॅन मेडिक्ल स्टाफ कोविड19 की रोकथाम के लिए इसके नैदानिक प्रभाव का आकलन करने के लिए निसर्ग हेर्ब्ज़ द्वारा एक मानकी कृतअर्क के साथ, ये संशोधन शुरू हो रहा है। इसी नीमअर्क के आधारीत यु.एस. के एक कैंसर अनुसंधान केंद्र युनिव्हसिटी आफ टेक्साससैन एंटोनियोमें इसका भी परिक्षण हो रहा है। अगर सफलता मिले तो ये एक किफायती उपचार विकल्प हो सकता है।

नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

नीम कैप्सुलअर्क से बनी खास दवा है। इसी तरह निसर्ग हेर्ब्ज़ अन्य व्याधियों में भी जैसे की, न्युराॅलाॅजीकल बीमारीया, प्रतिरक्षा विकार, सूजन और चयापचाय रोंगों को लक्षित करने वाली विभिन्न आयुर्वेदिक दवाएं शामिल है। निसर्ग हेर्ब्ज़ भारत में ऐसे उत्पादों का विपण्न कर रहा है और विदेशों में भी कई वितरण साझेदारों के साथ है।

ए.आई.आई.ए. के बारे में जानकारी

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की कल्पना आयुर्वेद के लिए एक सर्वोच्च संस्थान के रूप में की गई है. इसका उदद्ेश्य पारंपारीक ज्ञान, आयुर्वेद और आधुनिक उपकरणों और प्रोदयोगिकी के बीच एक तालमेल लाना है। संस्थान आयुर्वेद के विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर और डाॅक्टरेट पाठयक्रम प्रदान करेगा और आयुर्वेद, औषधि विकास, मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन और आयुर्वेदिक चिकित्सा के वैज्ञानिक सत्यापन के मौलिक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा। नैदानिक अनुसंधान की सूुविधा के लिए संस्थान में 200 बेड का रेफरल अस्पताल है। एक बार पूरी तरह से स्थापित हो जाने के बाद, संस्थान में 25 विशेष विभाग और 12 क्लीनिक होंगे। जिसेमें 8 अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान प्रयोग शालाएॅं होंगी, जिनमें कई विद्वानों की पीजी तक पहुंच होंगी।

नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

रोगी की देखभाल मुख्य रूप से तृतीयक स्तर के आयुर्वेद के माध्यम से की जाएगी। इस संस्थान में आयुर्वेद में वैश्विक पदोन्नति और अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोगी केंद्र भी होगा।

ई.एस.आई.सी. अस्पताल फरिदाबाद की जानकार,
ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, फरीदाबाद श्रम और रोजगार मंत्रालय, सरकार के तहत भारत की प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है.

नीम कैप्सूल द्वारा कोरोना से लडने के लिए, भारत का पहला क्लिनिकल ट्रायल आयोजित ।

ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज एंड हाॅस्पिटल, फरीदाबाद की स्थापना एक दिव्य मिशन के साथ की गई है, जो चिकित्सा के अंतरराष्ट्रीय मानकों को गरीब श्रमिकों यानी बीमाकृत व्यक्तियों (आईपी) के दरवाजे तक पहुचाएगा और दोंनों शहरी और ग्रामीण परिवेश में स्वतंत्र रूप से कार्य करने में सक्षम आधुनिक वैज्ञानिक चिकित्सा के मेडिकल स्नातको को बाहर करेगा।

ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, फरीदाबाद 30 एकड के सुरम्य स्थान पर बनाया गया है। विभाग, क्लास रूम, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं और अस्पताल भवन केंद्रिय रूप से वातानुकुूलित भवनों में रखे गए है। हरे-भरे लाॅन और सुंदर बगीचे के साथ चैराहे सुखद, सुगंधित स्वर्गीय वातावरण प्रदान करते है। स्वच्छ, स्वस्थ निर्मल और शांत वातावरण छात्रों को उत्कृष्ट शैक्षणिक गतिविधियों और रोगियों के लिए स्वस्थ उपचार के लिए आदर्श पन्नी प्रदान करता है।

ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज में हम स्नातक स्तर के छात्रों सहित हर स्तर पर स्व-निर्देंशित, खोज परक शिक्षण और अनुसंधान को बढावा देते है। काॅलेज अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों, आॅडियों विजुअल एड्स और लायब्ररी से सुसज्जित है। दुनियाभर के प्रख्यात प्रोफेेसरों द्वारा नियमित सीएमई, सम्मेलन, कार्यशालाएं, संगोष्ठी और अतिथी व्याख्यान जो जीवंत शिक्षण गतिविधियों को वर्षभर आयोजित किया जाता है।

ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, फरीदाबाद काॅलेज से जुडा 500 से अधिक बेड का मल्टी-स्पेशालिटी अस्पताल है। इसे 2013 में शुरू किया गया था जो 2014 में गरीबश्रमि कों (आईपी) को विश्वस्तर की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के महान उददेश्यों के साथ चालू हो गया था. ई.एस.आई.सी. मेडिकल काॅलेज और अस्पताल, फरीदाबाद प्रतिष्ठित केंद्रिय सरकार के साथ रणनीतिक सहयोग बनाने के कगार पर है। विश्व विदयालय, डीएसटी, डीबीटी, आईसीएमआर, टीएचएसटीआई और सरकार के तहत देखभाल केंद्र, भारत के अपने रोगी देखभाल वितरण और शिक्षा के उददेश्यों में सुधार।

निसर्ग बायोटेक और निसर्ग हेर्ब्ज़ के बारे में
निसर्ग बायोटेक की भारत और यु.एस.ए. में महत्वपूर्ण उपस्थिती है ओर यह 20 वर्षो के लिए विभिन्न हर्बलअर्क का विपणन कर रहा है और पिछले 10 वर्षो से यु.एस.ए. में ब्राण्ड रेबेल हब्र्स और इंटेलिजेंसट्ी के तहत पूरक है. निसर्ग हेर्ब्ज़ हर्बल सप्लीेंट ब्रांड है,

जिसका निर्माण भारत में ”एव्हरीडें ए हेल्दी वे“ स्लोगन के साथ किया गया है, जो विभिन्न बीमारियों के लिए उनके द्वारा कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पेटेंटो द्वारा समर्थित स्वास्थ्य उत्पादों की एक विस्तृत श्रृखला पेश करता है। निसर्ग हेर्ब्ज़ के उत्पाद www.nisargaherbs.com के साथ साथ अमेजन पर भी उपलब्ध है।

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