कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे देश में तेज़ी से फैल रहा है। भारत में संक्रमितों का आंकड़ा बीस लाख के पार पहुँच चुका है जिसमे से तकरीबन दस लाख से ज़्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। जो पीड़ित बिमारी से ठीक होकर अपने घर वापस आ रहे हैं उन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना बिमारी को मात देकर आ रहे लोगों को जन प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। मरीज़ों ने पहले भी शिकायत की है कि उन्हें और उनके परिवार को ट्रॉल्स का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों की परेशानियों का निवारण करते हुए केंद्र सरकार ने नए दिशा निर्देश जारी किये हैं।
सरकार का आदेश, नहीं होनी चाहिए कोरोना संक्रमितों की जानकारी लीक
केंद्र सरकार ने संक्रमित रोगियों की सूची वायरल करने वालों के लिए तीन महीने की कैद का फरमान ज़ारी किया है। जिस तरीके से कोरोना संक्रमितों के नाम सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर शेयर किये जाते थे अब इन सारी गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी। सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में पुलिस अधीक्षकों को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी नज़र रखने के लिए कहा गया है। जो लोग कोरोना पीड़ितों के नाम शेयर करते नज़र आए उनके लिए तीन माह की सज़ा निर्मित की गई है। कोरोना वायरस संक्रमितों की पर्सनल जानकारी किसी से भी साझा करने पर लोगों को सज़ा दी जाएगी।
बहुत सारे लोगों को हो रही थी परेशानी
जो लोग महामारी से जंग लड़कर अपने घर लौट रहे हैं उन्हें लोगों के मज़ाक का शिकार होना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर इन लोगों से भेदभाव किया जा रहा है और सभी से इन पीड़ितों और इनके परिवारों से दूर रहने की अपील की जा रही है। अब अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना से लड़ रहे पीड़ितों का मज़ाक बनाता नज़र आया तो उसे तीन महीने जेल में काटने पड़ेंगे।