हरियाणा के विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री रणजीत सिंह ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने राष्ट्र की कई प्रमुख समस्याओं को सुलझाने का काम किया है और एसवाईएल मुद्दे का समाधान भी आपसी सहमति से शीघ्र ही कर लिया जाएगा। अब यह मामला अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि जल्द ही हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलेगा।
श्री रणजीत सिंह ने आज सिरसा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एसवाईएल मामले का निपटारा सौहार्दपूर्ण माहौल में हो, इसके लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह की संयुक्त बैठक भी हो चुकी है और दोनों मुख्यमंत्री इस विषय पर अपना-अपना पक्ष रख चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पानी राष्ट्रीय संसाधन है और कोई भी इसे रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को नकारा नहीं जा सकता। पंजाब सरकार को चाहिए कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करे और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दे। विद्युत मंत्री ने कहा कि आगामी 26 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश हित व जनहित के मामलों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया जाएगा और विपक्षी दलों के सकारात्मक सुझावों पर भी गौर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक कारगर योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं, जिनके सराहनीय परिणाम मिल रहे हैं। सरकार द्वारा ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति पर चलते हुए प्रदेश के हर क्षेत्र में बिना भेदभाव के समान रूप से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
श्री रणजीत सिंह ने कहा कि लोगों ने कोरोना की चुनौती को स्वीकारते हुए इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। दूसरे देशों के मुकाबले भारत में रिकवरी रेट काफी बढ़ा है और हरियाणा में यह लगभग 90 प्रतिशत है।
इससे पहले, विद्युत मंत्री ने आमजन की समस्याएं भी सुनीं और मौके पर ही अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी तालमेल स्थापित करें और लोगों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निपटान करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को सरलता से सुविधा मुहैया करवाने के लिए कटिबद्ध है। सरकार का प्रयास है कि पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले और कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।