अन्नदाता किसान हो जाएं चिंता मुक्त : केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार दोनों ही अपनी जनता के लिए अनेकों योजनाएं लेकर आते हैं। लेकिन किसी कारणवश हम तक इन योजनाओं के बारें में जानकारी नहीं पहुंचती। जिनको इन योजनाओं की आवश्यकता होती है वे इसका लाभ नहीं उठा पाते कारण होता है जानकारी न मिलना, योजना के लिए आवदेन कैसे दें इसका पता न होना।
जो योजनाओं के असली हकदार होते हैं वे बस सरकार को कोसते रहते हैं कि सरकार कुछ नहीं करती हमारे लिए, यदि हर किसी के पास योजनाओं की जानकारी हो तो वे इसका लाभ ले सकते हैं, लेकिन जानकारी न मिलने से जिसको आवश्यकता नहीं है वे इन योजनाओं का लाभ उठा लेते हैं और जरूरतमंदों तक यह नहीं पहुंच पाती और फिर वे सरकार को कोसते हैं।
पहचान फरीदाबाद अपनी जनता के लिए हर दिन केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही योजना या फिर हरियाणा सरकार दी जा रही योजनाओं के बारे में बताएगा।हमारा उद्देश्य है कि असली हकदार को उसका हक मिले, सभी तक जानकारी पहुंचे।
हमारी यह शुरुवात यदि आपको पसंद आति है तो इसे शेयर करें, लाइक करें ताकि और भी लोगों को जानकारी प्राप्त हो सकेपहचान फरीदाबाद अपनी जनता के लिए हर दिन केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही योजना या फिर हरियाणा सरकार दी जा रही योजनाओं के बारे में बताएगा। हमारा उद्देश्य है कि असली हकदार को उसका हक मिले, सभी तक जानकारी पहुंचे।
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आज जिस योजना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम है “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” भारत में अन्नदाता माने जाने वाले किसानों को पिछली सरकारों ने कुछ ख़ास नहीं पूछा। भारत किसानों का देश है जहां ग्रामीण आबादी का अधिकतम अनुपात कृषि पर आश्रित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अनावरण किया था।
भारत सरकार की वेबसाइट के अनुसार, यह योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करेगी जो अपनी खेती के लिए ऋण लेते हैं और खराब मौसम से उनकी रक्षा भी करेगी। बीमा दावे के निपटान की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि किसान फसल बीमा योजना के संबंध में किसी परेशानी का सामना न करें।
यह योजना भारत के हर राज्य में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की जायेगी। एसोसिएशन में के निपटान की प्रक्रिया बनाने का फैसला किया गया है। इस योजना का प्रशासन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।
भारत सरकार की वेबसाइट के अनुसार, किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाना है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा। किसानों द्वारा भुगतान किये जानेवाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए।
सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इससे पहले, प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था। अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलेगा। काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्ट फोन, रिमोट सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
2016-2017 के बजट में प्रस्तुत योजना का आवंटन 5, 550 करोड़ रूपये का है। बीमा योजना को एक मात्र बीमा कंपनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। पीएमएफबीवाई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की एक प्रतिस्थापन योजना है और इसलिए इसे सेवा कर से छूट दी गई है।
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