हरियाणा में मानसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने करी बैठक, सरकार को घेरने के लिए करी तैयारी ।

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विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस विधायकों की बैठक ली। बैठक में सर्वप्रथम श्री हुड्डा ने सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस की कमान संभाले रखने पर सहमति जताने को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। इसे विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव रखते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि श्रीमती गांधी कांग्रेस की सर्वमान्य नेता हैं। उनके इस फ़ैसले से कांग्रेसजनों में उत्साह है। इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी।

बैठक में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भी शिरकत की। इस मौक़े पर विधानसभा में उठाए जाने वाले जनहित के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि कांग्रेस की तरफ से 3 नए कृषि अध्यादेशों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा। इन अध्यादेशों में संशोधन करके सुनिश्चित किया जाए कि सरकार किसान को स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत MSP देगी।

हरियाणा में मानसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने करी बैठक, सरकार को घेरने के लिए करी तैयारी ।

किसान की फसल का दाना-दाना MSP पर ख़रीदा जाए। अगर कोई सरकारी या प्राइवेट एजेंसी MSP से कम दाम पर फसल ख़रीदती है तो उसे दंडित करने का प्रावधान किया जाए। इसके अलावा प्रदेश में एक के बाद एक हो रहे घोटालों को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा। कांग्रेस की मांग है कि शराब घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज या किसी केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए। साथ ही रजिस्ट्री और शराब घोटाले पर चर्चा की मांग के लिए भी स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा। धान घोटाले पर चर्चा की मांग के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लाने की तैयारी है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि प्रदेश की लगातार बिगड़ती क़ानून व्यवस्था पर भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा और कांग्रेस सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएगी।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसान, युवा, व्यापारी, कारोबारी, कर्मचारी, ग़रीब और मजदूर सबकी आवाज़ सदन में उठाएगी। कांग्रेस सदन से लेकर संसद तक इनकी लड़ाई लड़ेगी। आज प्रदेश का हर वर्ग इस सरकार से त्रस्त है। सरकार की किसान नीति से लेकर कोरोना नीति तक सब फेल है। लोगों को राहत व सुविधाएं देने की बजाए सरकार घोटाले करने में व्यस्त है। आज किसानों को फसल का रेट, युवाओं को नौकरी और कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। 3 नए अध्यादेशों के जरिए MSP और मंडी व्यवस्था को ख़त्म करने की कोशिश हो रही है।

हरियाणा में मानसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने करी बैठक, सरकार को घेरने के लिए करी तैयारी ।

सरकार किसानों को पूंजीपतियों के सहारे छोड़ना चाहती है। एक-एक करके सभी प्राइवेट महकमों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है और रोज़गार के सारे रास्ते बंद किए जा रहे हैं। यही वजह है कि हरियाणा देश में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी झेल रहा है। 1983 PTI और ग्रुप-डी के 1518 कर्मचारियों का रोज़गार छीनना दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस PTI के मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव लाएगी।

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री, स्पीकर समेत कोरोना संक्रमित सभी लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन सरकार की कोरोना नीति पूरी तरह कन्फ्यूज़ है। क्योंकि जब कोरोना के चंद केस थे तो लॉकडाउन लगा दिया गया, जब हज़ारों केस हो गए तो अनलॉक कर दिया गया और अब फिर से वीकेंड लॉकडाउन लगा दिया गया। एक तरफ सरकार दुकानों और बाज़ारों को बंद करवा रही है, दूसरी तरफ उसके नेता बरोदा में लोगों की भीड़ जमा करके उनके स्वास्थ्य को जोखिम में डाल रहे हैं।

हरियाणा में मानसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने करी बैठक, सरकार को घेरने के लिए करी तैयारी ।

बरोदा उपचुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार बेशक कितने भी हथकंडे अपना ले, लेकिन बरोदा में कांग्रेस की ही जीत होगी। 6 साल पूरी तरह नज़अंदाज़ करने के बाद सरकार अब बरोदा में विकास का ड्रामा कर रही है लेकिन उसके ये प्रलोभन काम नहीं आने वाले। बरोदा की जनता को पता है कि बीजेपी की ये मेहरबानी महज़ 4 दिन की चांदनी है, उसके बाद बाकी हरियाणा की तरह उसे भी अपने हाल पर छोड़ दिया जाएगा। जींद का उदहारण पूरे हरियाणा के सामने है। हुड्डा ने कहा कि बरोदा की जनता स्वाभिमानी है और वो 6 साल के अपमान का बदला इस सरकार से ज़रूर लेगी।

आज प्रेदश का हर वो किसान जिसकी खेती ख़त्म करने के फ़ैसले ये सरकार ले रही है, हर वो कर्मचारी जिसे वेतन और भत्ते नहीं मिल रहे, हर वो नौजवान जिसका रोज़गार छीना जा रहा है, हर वो युवा जिसको रोज़गार नहीं मिल रहा है, हर वो छोटा कारोबारी जिसके काम धंधे चौपट हो गए हैं, हर वो मजदूर जिसपर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है, आज हर हरियाणवी बरोदा की तरफ देख रहा है। सभी को उम्मीद है कि बरोदा की जनता इस सरकार को सबक ज़रूर सिखाएगी।