हरियाणा में बच्चों की फीस को लेकर निजी स्कूलों और अभिभावकों के बीच एक राय नहीं बन पा रही है। सरकार ने निजी स्कूलों के आग्रह पर एक-एक महीने की फीस जमा कराने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सक्षम अभिभावक फीस जमा करा सकते हैं।
अभिभावकों का तर्क है कि लॉकडाउन के कारण बच्चों की क्लास ही नहीं लगी, इसलिए बंद की अवधि की स्कूल फीस माफ होनी चाहिए। बिना स्कूल खुले अभिभावकों से फीस लेना पूरी तरह से गलत है।
सभी प्राइवेट स्कूल मार्च तक की फीस पहले ही ले चुके हैं, क्योंकि मार्च तक की फीस भरे बिना बच्चों को परीक्षाओं में नहीं बैठने दिया जाता। स्कूल शिक्षा विभाग का अप्रैल माह की फीस भरने के आदेश जारी करना अभिभावकों के पूरी तरह से खिलाफ है। इससे हजारों परिवारों में नाराजगी है।
इसको देखते हुए आपको बता दे कि प्रदेश भर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायतों के बाद आज ही हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी प्राइवेट स्कूल को सख्त आदेश दिए है कि वह ट्यूशन फीस के इलावा कोई और फीस नहीं ले सकते है।