तिगांव क्षेत्र के ग्राम बड़ोली में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। हर मोड़, हर जोड़ पर कूड़ा कचरा इकठ्ठा हो रखा है। इसी के चलते गाँव के एक जोड़ से गाय का शव बरामद किया गया है। लोगों का कहना है कि गाय फिसल कर जोड़ में बन रहे दलदल में डूब गई। इस कारण से किसी को भी इस घटना के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई। गाँव के बच्चों ने खेलते समय गाय के शव को दलदल की सतह पर उभरते हुए देखा।
लोगों का कहना है कि जब उन्होंने इस घटना की जानकारी ग्राम सरपंच को दी तब महज़ झूठे आश्वासन के अतिरिक्त कार्य प्रणाली ने उनकी किसी भी तरीके से मदद नहीं की। जनता ने बताया की सरपंच और उनका कार्यभार संभालने वाले उनके पुत्र द्वारा इस विषय पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जोड़ में बन रहे दलदल के आस पास बहुत ज्यादा गंदगी फैल रखी है। जब भी गाँव के लोगों ने इस बारे में सरकार या प्रशासन में मौजूद किसी भी आला मंत्री से मदद मांगी है उनके हाथ हमेशा नाकामयाबी ही लगी है।
गाय का शव भी पिछले छह दिनों से उसी कूड़े के ढेर के बीचों बीच फसा हुआ था। गंदगी के कारण पूरा शव सड़ गया और मृत गाय की देह पर कीड़े लग गए। इससे आस पास के इलाकों में दुर्गन्ध फैल गई। जब इस बारे में हमने गाँव सरपंच के पुत्र नरेश से बात की तो उनका कहना था की गाँव के लोगों ने ही गैर कानूनी तरीके से गाँव में जगह जगह कब्ज़ा डाल रखा है। यही कारण है जिससे गाँव में आसानी से साफ़ सफाई नहीं कराई जा सकती। गाँव की जनता का कहना है की गाँव के नालों और जोड़ की साफ़ सफाई के लिए सरपंच ने जो मज़दूर भेजे हैं वो भी सफाई के दौरान कोई योगदान नहीं देते। इसी कारण गाँव के युवाओं ने साफ़ सफाई का बीड़ा अपने सर उठा लिया है।
लोगों ने बताया कि गाँव में ऐसे बहुत सारे जोड़ हैं जहाँ पर गंदगी हो रखी है। इसके चलते पहले भी जन जीवन को हानि पहुँच चुकी है। कुछ समय पहले भी ऐसे ही गाँव के एक बच्चे की दलदल में गिरकर मृत्यु हो गई थी। प्रशासन ने उस समय इन सभी क्षेत्रों को साफ़ करने का वादा किया था पर जनता का कहना है कि अभी तक वह ऐसी तमाम मुश्किलों का सामना कर रहे है। नारायणी माता गौ सुरक्षा सोसायटी गाँव बड़ोली के अध्यक्ष महेश सांधु का कहना है कि हर साल इसी तरीके से बहुत सारी गाय दलदल में फंसकर अपना दम तोड़ देती हैं।
ना सरकार ने इन जीव जंतुओं की चिकत्सा के लिए कोई चिकित्सालय बनवाया है। ना ही साफ सफाई की ओर प्रशासन द्वारा कोई पहल की गई है। उनका कहना है कि जब भी वह प्रशासन के पास मदद की गुहार लगाने गए है, उन्हें झूटी उमीदों के अलावा कुछ नहीं मिल पाया है। इन सभी परेशानियों से जूझते हुए उन्हें अकेले ही गौ रक्षा का कार्यभार संभालना पड़ता है।
जिस तरीके से गाँव के लोगों को गन्दगी के चलते परेशानियां झेलनी पड़ रही है यह देख ग्राम की युवा पीड़ी ने साफ़ सफाई का बीड़ा अपने सर उठा लिया है। फरीदाबाद के कोर्ट में वकालत करने वाले सचिन चंदीला ने गाँव के अन्य युवाओं के साथ मिलकर गाँव को साफ़ सुथरा बनाने की ठान ली है। जब सरपंच से मदद न मिल सकी तो उन्होंने साफ़ सफाई के कार्य को अपने कंधो पर ले लिया। गाँव के प्राचीन बाग वाला मंदिर के कुंड में जैसे ही गंदगी होती है गाँव के युवा कुंड की साफ़ सफाई में अपने आप ही जुट जाते हैं। यह पूरी घटना और युवाओं का रोष सवाल खड़े करता है ग्राम कार्यप्रणाली पर और तिगांव क्षेत्र से जुड़े तमाम आला अफसरों की नीतियों पर।
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