हर एक सवाल का जवाब कोरोना से संबंधित जो आप जान न चाहते हैं

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    कोरोना महामारी का डर सभी के दिलों में है | ऐसे बहुत से सवाल हैं देश की जनता के ज़ेहन में कोरोना से संबंधित, जिसका जवाब वह तलाश रहे हैं | मैंने कुछ प्रयास किया है कि उन सभी सवालों के जवाब दे सकूँ निचे ऐसे बहुत से सवालों के जवाब दिए गए हैं, जिनकी तलाश लोग कर रहे हैं | आइए जानते हैं कि कोनसे हैं वो सवाल जिनसे कोरोना माहमारी से बचा जा सकता है |

    1. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार कोरोना संक्रमण मरीजों के क्या प्रकार हैं ?

    कोरोना वायरस के मरीज़ों को लक्षणों की गंभीरता के आधार पर तीन अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है |

    (क) माइल्ड (हल्के लक्षण) और वैरी माइल्ड (बहुत कम लक्षण)

    ●  जिन मामलों में बुख़ार या फ्लू जैसे लक्षण जुक़ाम, खांसी आदि हो

    ●  इन मामलों में मरीज़ कोरोना लक्षण शुरू होने के 10 दिनों के बाद और 3 दिनों तक अगर भुखार नहीं है तो अस्पताल से छुट्टी ले सकता है |

    ●  मरीज़ को सलाह दी जाती है कि वह 7 दिनों के लिए खुद को आइसोलेट यानी घर में एकांत में रहे और अपना ध्यान रखे |

    (ख) मॉडरेट

    ●  इस श्रेणी में निमोनिया हो लेकिन गंभीर बीमारी के लक्षण ना हों | श्वसन दर 15 से 30 प्रति मिनट यानी आप एक मिनट में 15 से 30 बार सांस ले रहे हों |

    ●  ऐसे मामलों में 2 तरीकों से मरीज़ को अस्पताल से छुट्टी मिलती है (क) अगर मरीज़ में 3 दिनों तक कोई लक्षण न देखे जाएं (ख) लक्षण शुरू होने के 10 दिनों के बाद |

    ●  इसमें भी मरीज़ को सलाह दी जाती है कि वह 7 दिनों के लिए खुद को आइसोलेट यानी घर में एकांत में रहे और अपना ध्यान रखे |

    (ग) सीवर

    ●  गंभीर निमोनिया या एआरडीएस या सेप्टिक शॉक हो और श्वसन दर प्रति मिनट 30 या उससे ज़्यादा हो.|

    ●  मरीज़ सिर्फ क्लिनिकल रिकवरी के बाद ही अस्पताल से छुट्टी ले सकता है |

    2. क्लोज़ कॉन्टैक्ट का क्या मतलब है?

    क्लोज़ कॉन्टैक्ट को आसान भाषा में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को कोरोना है और आप उस व्यक्ति के 6 फ़ीट तक करीब गए हैं | उदाहरण के तौर पर अगर किसी दुकानदार को कोरोना वायरस है और आपने उस से कुछ सामान लिया तो वह क्लोज़ कॉन्टैक्ट होगा, क्यों कि आप उसके नज़दीक थे बहुत | किसी भी संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 6 फ़ीट की दूरी होनी चाहिए | इसको 2 प्रकार में बांटा गया है हाई रिस्क कॉन्टेक्ट्स और लो रिस्क कॉन्टेक्ट्स

    (क) हाई रिक्स कॉन्टेक्ट्स

    ●  कोई व्यक्ति जो कोरोना मरीज़ के शरीर के तरल पदार्थ को छू लेता है जैसे चेहरे का पसीना, खून, उलटी , यूरिन, लार, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट सेक्रेशन |

    ●  किसी कोरोना मरीज़ के अगर कपड़े या बर्तन धोए हों, | तकिया, तौलिया, बेडशीट को छुआ हो |

    ●  कोरोना का मरीज़ अगर आपके घर में हो |

    ● 1 मीटर यानी 3 फ़ीट के दायरे में अगर कोई व्यक्ति आपके साथ चलता है या बाइक या स्कूटी पर बैठा है, उसको कुछ लक्षण हैं और आपसे मिलने के 6 घंटों के अंदर वो कोरोना पॉजिटिव हो जाता है |

    (ख) लो रिस्क कॉन्टेक्ट्स

    ●  एक ही स्थान पर काम किया हो या पढ़ें हों |

    ●  किसी जगह साथ में जगह यात्रा की हो जैसे बस, ट्रैन, फ्लाइट, आदि में |

    3. कोरोना वायरस फैलता कैसे है?

    यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है

    (क) कोरोना से पीड़ित व्यक्ति जब खांसता है या सांस लेता है तो नाक या मुंह से कुछ छींटे दूसरे इंसान के शरीर में भी प्रवेश कर संक्रमण फैला देती हैं |

    (ख) छीटें किसी वस्तु या सतह पर भी फैल सकती हैंइन वस्तुओं या सतह को छूकर हाथों को अपने मुंहनाक या आंखों के पास ले जाने से कोरोना वायरस का हो सकता है |

    (ग) कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों से करीब 3 फीट या 1 मीटर की दूरी बनाए रखना जरूरी है |

    4. क्या कोरोना वायरस के लिए कोई दवा या थैरेपी है जो कोरोना का इलाज कर सके या उसको रोक सके?

    कुछ विदेशी, पारंपरिक या घरेलू उपचार आराम दे सकते हैं और कोरोना के लक्षणों को थोड़ा कम कर सकते हैं लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि अभी तक कोई भी दवा या उपचार कोरोना को हरा सके |

    ●  बहुत सी देसी और विदेशी दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है |

    ●  हम आपको जानकारी देते रहेंगे जैसे ही कोई सुखद खबर आएगी दवा या ट्रीटमेंट के संबंध में |

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    5. क्या कोरोना वायरस के लिए कोई वैक्सीनड्रग या इलाज है?

    फिलहाल, नहीं | अभी तक कोरोना के उपचार या इसे खत्म करने के लिए कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पायी है | कोरोना से गंभीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए |

    6. किसे कोरोना वायरस का है सबसे ज्यादा खतरा है?

    वैज्ञानिक अभी इस बारे में पता लगा रहे हैं कि कोरोना लोगों को किस तरह से प्रभावित कर सकता है |  लेकिन अभी तक की हुई स्टडी में पता चला है कि बुजुर्गों और बच्चों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए क्यों कि इन्हें बाकी लोगों की तुलना में कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा खतरा है |

    ● बुजुर्ग़े लोग, खासतौर से 60 साल से अधिक उम्र वाले

    ● 10 साल से छोटे बच्चे

    ●  पहले से बीमार व्यक्ति जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिसीज, लंग डिसीज, कैंसर या डायबिटीज वाले

     7. कोरोना केयर फैसिलिटी और होम आइसोलेशन में खुद को कब रखें?

    जितने भी लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाया है और उनका रिजल्ट आना बाकी है या जो कोरोना पॉजिटिव हैं वह कोरोना केयर फैसिलिटी और होम आइसोलेशन में खुद को रखें | कुछ श्रेणियां हैं जो कि निचे लिखी गई हैं |

    (क) असीमटोमैटिक (वायरस का संचरण उन लोगों द्वारा होता है जिनमें लक्षण नहीं दिखाई देते और कभी भी उनके संक्रमण के लक्षण ठीक व्यक्ति नहीं पहचान सकेगा। लेकिन वे संक्रमित व्यक्ति कभी भी दूसरों को बहुत बीमार कर सकता है अगर आपको भी कोई लक्षण खुद में न दिखें तो आप असीमटोमैटिक श्रेणी में हैं )

    (ख) माइल्ड (हल्के लक्षण) और वैरी माइल्ड (बहुत कम लक्षण)

    (ग) प्री-सिम्तोमाटिक (वायरस का संचरण उन लोगों द्वारा हो सकता है जो बीमार नहीं दिखते या बीमारी महसूस नहीं करते , लेकिन अंततः बाद में लक्षण मिलेंगे। वे, इसे जाने बिना भी दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं)

    इन तीनों श्रेणी मेंकोरोना वायरस के बेहद हल्के लक्षण होने पर इलाज घर पर ही किया जा सकता है यानी होम आइसोलेशन |

    (घ) मॉडरेट – ना हल्के लक्षण और ना अति गंभीर

    (च) सीवर – गंभीर लक्षण वाले मामलें

    इन श्रेणी में आप खुद को किसी एक कोविड केयर फैसिलिटी में रख सकते हैं।

    कोविड केयर सेंटर

    डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर

    डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल

    इन सभी में से एक जगह आपको इलाज़ करवाने की आवयश्कता है मॉडरेट और सीवर मामलों में |

    असिमटोमैटिक, माइल्ड, वैरी माइल्ड, प्री सिमटोमैटिक लक्षणों वाले मरीज़ों को होम आइसोलेशन के दौरान सरकार द्वारा कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होता है जैसे –

    ● ऐसे मामलों में सेल्फ-आइसोलेशन के लिए और परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन करने के लिए मरीज़ निवास पर अपेक्षित सुविधायें होनी चाहिएं

    ● आरोग्य सेतु एप को मोबाइल पर डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। इसे आप https://www.mygov.in/aarogya-setuapp/) से डाउनलोड कर सकते हैं और इसे हर वक्त एक्टिव रखना है। अगर किसी के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है तो उनके लिए भारत सरकार ने फ़ीचर फोनों के लिए आरोग्य IVRS 1921 सर्विस की शुरुआत की है । इस सर्विस के लिए व्यक्ति को टोल-फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल करनी है, वो नंबर है ‘1921’। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करने के बाद आपको वापस कॉल आएगा, इस कॉल में आपके स्वास्थ्य से जु़ड़े इनपुट्स लिए जाएंगे, इसे लैंडलाइन फ़ोन से भी किया जा सकता है ।

    ● मरीज़ो को आत्म-अलगाव पर एक उपक्रम भरना होगा और होम आइसोलेशन के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

    ● मरीज़ों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ज़िला निगरानी अधिकारी को समय – समय पर देती रहनी होगी ।

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    8. अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है और वह होम आइसोलेशन पर है तो उसे क्या करना चाहिए?

    आरोग्य सेतु ऐप मरीज़ के फ़ोन में होना चाहिए, सारी नोटिफिकेशन ऑन और लोकेशन ट्रैकिंग के साथ 24X7, साथ ही कुछ निर्देशों का पालन करना चाहिए ।

    (क) मास्क

    ● मरीज को हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहनना है।

    ● हर 8 घंटे में मास्क बदलना होगा।

    ● मास्क को 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से डिस्कार्ड करना होगा।

    (ख) शारीरिक दूरी

    ● घर में कोरोना मरीज का कमरा बिल्कुल अलग होना चाहिए, और हर सदस्य से दूर रहना चाहिए खासतौर पर बुजुर्गों से और जिनको कुछ बीमारी हो।

    ● किसी के साथ अपना निजी समान साझा नहीं करना चाहिए।

    (ग)  खुद की और जगह की साफ – सफाई

    ● हाथ को कम से कम 40 सेकंड तक धोना है। सैनिटाइजर भी इस्तेमाल करें।

    ● अपना कोई पर्सनल आइटम किसी से शेयर न करें।

    ● टेबल, गेट के हैंडल आदि को लगातार साफ करवाना है।

    ● मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी या तरल पदार्थ लेना चाहिए, पर्याप्त जलयोजन के लिए।

    ● मरीज अपनी हालत को खुद मॉनिटर करेगा। हर दिन शरीर के तापमान की जांच करेगा। अगर स्थिति बिगड़ने के लक्षण दिखें तो तुरंत बताना होगा।

    ● मरीज को डॉक्टर के निर्देश और दवाओं से जुड़ी सलाह माननी पड़ेगी।

    9. मैं केयरटेकर या सेवक हूँ कोरोना के मरीज़ का होम आइसोलेशन में मुझे क्या करना चाहिए?

    होम आइसोलेशन में केयरटेकर की भूमिका मरीज़ के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। केयरटेकर को स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में रहना चाहिए । केयरटेकर मरीज़ के आस पास ही घूमती/घूमता है तो उसको कुछ महत्वपूर्ण निर्देशों को पालन करना चाहिए |

    (क) मास्क

    ●मरीज के कमरे में जाए तो ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनें।

    ●मास्क इस्तेमाल करते वक्त उसका सामने वाला हिस्सा नहीं छुएं।

    ●मास्क गीला या गंदा हो जाए तो तुरंत बदलें |

    ●इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करें और हाथों को अच्छी तरह साफ करें |

    (ख) साफ सफाई

    ●केयरटेकर को अपने चेहरे, नाक या मुंह को नहीं छूना चाहिए।

    ●मरीज या उसके कमरे के संपर्क में आने पर हाथों को अच्छी तरह धोएं।

    ●खाना बनाने से पहले और बाद में, खाना खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें तो अच्छी तरह धोएं।

    ●हाथों को साबुन-पानी से 40 सेकेंड तक धोएं ।

    ●हाथों में धूल नहीं लगी है तो अल्कोहॉल वाला सैनेटाइजर यूज करें ।

    ●साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन से पोंछें। पेपर नैपकिन नहीं हो तो साफ तौलिए से हाथ पोंछे। गीला होने पर उसे बदल दें।

    (ग) जोखिम का प्रबंधन और मरीज़ की देखभाल

    ●मरीज के शरीर से निकले फ्लुइड के सीधे संपर्क में नहीं आएं | खासकर, थूक, लार, छींक, खांसी | 

    ●मरीज की देखभाल करते समय डिस्पोजेबल हैंड ग्लव्स पहनें।

    ●ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद हाथों को साफ करें |

    ●मरीज के साथ सिगरेट शेयर करने, उसके बर्तन, पानी, तौलिए और चादर के संपर्क में आने से बचें, मरीज के इस्तेमाल की किसी भी चीज का उपयोग नहीं करें।

    ●मरीज को खाना उसके कमरे में ही दें |

    ●मरीज के बर्तन ग्लव्स पहनकर साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें | 

    ●बर्तनों का पुन: उपयोग किया जा सकता है |

    ●ग्लव्स उतारने के बाद हाथ साफ करें |

    ●मरीज के कमरा, कपड़ा या उसके इस्तेमाल की कोई भी वस्तु साफ करते वक्त ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें।

    ●ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएं |

    ● सुनिश्चित करें कि मरीज दिशानिर्देशों का पालन अच्छी तरह से कर रहा है।

    ● केयरटेकर या मरीज के नजदीकी संपर्क वाले अपनी हेल्थ को खुद मॉनिटर करें | रोज शरीर के तापमान की जांच करें | कोरोना से जुड़े लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करें |

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    10. घर में आइसोलेट कोरोना मरीज पर किस आधार पर नजर रखी जाएऔर किस स्थिति में उसकी रिपोर्ट आगे भेजी जाए?

    मरीज़/ केयरटेकर को अपने स्वास्थ्य की जांच हर रात और सुबह करती रहनी चाहिए या जब भी उसे बुखार जैसा लगे निचे कुछ  जांचें हैं जिन्हें नियमित रूप से करने की आवश्यकता है |

    ●शरीर के तापमान की जांच |

    ●हाथ के नसों को छूके जांच करना |

    ●कोई लक्षण जो आपको लग रहा हो |

    ●डॉक्टर या स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सलाह के अनुसार कोई अन्य पैरामीटर |

    गंभीर संकेत या लक्षण विकसित होने पर ,मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए जैसे

    ●सांस लेने में परेशानी |

    ●छाती में लगातार दर्द या दबाव |

    ●मानसिक भ्रम या शरीर में उत्तेजना पैदा करने में असमर्थता |

    ●चेहरे या होंठों का नीला पढ़ जाना |

    ●यह चिकित्सा अधिकारी के द्वारा से सलाह दी जाती है |

    11. एक कोरोना मरीज़ के लिए पोषण सेवन क्या हो सकता है?

    उचित पोषण और जलयोजन महत्वपूर्ण हैं। जो लोग एक अच्छी तरह से संतुलित खाना खाते हैं वे मजबूत प्रतिरोधक क्षमता के साथ स्वस्थ होते हैं और उन्हें बीमारियों और संक्रामक रोगों का खतरा कम होता है | यह ज़रूरी है कि आप अपनी डाइट डॉक्टर से पूछ कर लें | लेकिन कुछ महत्वपूर्ण जानकारी निचे दी गई है जो आप खा सकते हैं |

    (क) ताजा और अच्छा भोजन खाएं

    ● अण्डे, मछली, दूध, मीट, ओट्स, मक्का, ड्राई फ्रूट, सब्ज़िया और फलों को खा सकते हैं |

    ● स्नैक्स के लिए कच्ची सब्जियां और ताजे फल चुनें | हाई शुगर, साल्ट और फैट वाले पदार्थों से बचें |

    ● जो सब्जियों और फल डिब्बाबंद कैन में हैं और सूखी हैं उनका उपयोग करते समय, बिना नमक और चीनी के किस्मों का चयन करें |

    (ख) रोज पर्याप्त पानी पिएं

    ● पानी जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण  है | पानी रक्त में पोषक तत्वों और यौगिकों को स्थानांतरित करता है, आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है |

    ● रोज़ाना पानी के 8-10 गिलास पिएं |

    (ग) मध्यम मात्रा में फैट और ऑइल का सेवन करें और कम मात्रा में नमक और चीनी खाएं |

    ●बटर और तला हुआ न खाएं मछली, अवोकाडो, ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें |

    ●कम फैट वाला दूध पीने का प्रयास करें |

    ●खाना बनाते समय नमक और मसालों की मात्रा सीमित रखें |

    12. होम आइसोलेशन में जो मरीज़ हैं क्या वह कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से कोई पैकेज या मेल प्राप्त कर सकते हैं?

    अभी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि प्रभावित क्षेत्रों से दिन या सप्ताह के दौरान ली गईं वस्तुएं कोरोना फैला रहीं हैं | अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना  सतह पर, तापमान और अन्य पर्यावरणीय कारकों के आधार पर कुछ घंटों तक या कई दिनों तक जीवित रह सकता है |

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    13. क्या कोरोना वायरस एक संक्रमित रोगी के कपड़ों से फैल सकता है?

    कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के से उत्पन्न होने वाली बूंदों से कोरोना मुख्य रूप से फैलता है | वायरस कुछ समय के लिए कपड़े की सतहों पर संक्रामक रहता है | निचे कपड़े धोने की स्वच्छता की शैली दी गई है |

    (क) जो भी कपड़े कोरोना संक्रमित पहनता है उनको एकांत में रखना चाहिए और किसी से साझा नहीं करना चाहिए |

    (ख) अगर हो सके तो कोरोना संक्रमित व्यक्ति खुद ही अपने कपड़ें धोए अगर ऐसा नहीं हो सकता तो जो धोएगा वह हाथों में ग्लव्स लगाकर धोए |

    (ग) 60 डिग्री पानी के तापमान में ब्लीच डाल कर संक्रमित व्यक्ति के कपड़े धोने चाहिएं |

    (घ) कपड़ें और अन्य सामान जो संक्रमित व्यक्ति इस्तेमाल करता है वह रोज़ धोने चाहिएं |

    14. जिन घरों में कोरोना मरीज़ हैंवहां स्वच्छता के संबंध में अच्छी प्रथाएँ क्या हैं?

    व्यक्तिगत स्वच्छता के अलावा कुछ स्वच्छता दिनचर्या का हिस्सा हैं जो कोरोना मरीज़ों के घरों में की जा सकती हैं |

    ● संक्रमित व्यक्ति के कमरे के बेड, टेबल के सरफेस को हर घंटे साफ़ करने का प्रयास करें |

    ●टॉयलेट सरफेस पर स्वच्छता बनाए रखें |

    ● कपड़ों को समय समय पर धोते रहें |

    15. होम आइसोलेशन में कितने दिन रहना पड़ता है?

    जो मरीज़ होम आइसोलेशन में है वह होम आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं –

    ● कोरोना के लक्षण दिखने के 17 दिनों बाद तक होम आइसोलेशन में रहना होगा |

    ● 10 दिन तक बुखार न आने पर और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर होम आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है |

    होम आइसोलेशन की अवधि के अंत तक कोरोना से संबंधित सभी सामान्य सावधानियां बरतें |

    16. कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल से डिस्चार्ज होने की नई पॉलिसी क्या है?

    कोरोना मरीज़ों के लिए नई डिस्चार्ज पॉलिसी 8 मई 2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बनाई गई है | डिस्चार्ज के लिए कुछ मुख्य बिंदु –

    (क) माइल्डवैरी माइल्डप्री सिम्तोमाटिक मामलें

    ●मरीज़ लक्षण शुरू होने के 10 दिनों के अंदर डिस्चार्ज हो सकता है और उसको 3 दिनों तक भुखार नहीं होना चाहिए |

    ●अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच कराये जाने की जरूरत नहीं |

    ●मरीज़ को सलाह दी जाएगी कि वह 7 दिनों तक खुद को होम आइसोलेट करे और अपनी सेहत का ध्यान रखे |

    (ख)  मॉडरेट मामले

    ● (क) मरीज़ डिस्चार्ज हो सकता है अगर उस में 3 दिनों तक कोई लक्षण न देखे जाएं  (ख) लक्षण शुरू होने के 10 दिनों के बाद |

    ●अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच कराये जाने की जरूरत नहीं |

    ●मरीज़ को सलाह दी जाती है कि वह 7 दिनों के लिए खुद को आइसोलेट यानी घर में एकांत में रहे और अपना ध्यान रखे |

    (ग) सीवर

    ●मरीज़ सिर्फ क्लिनिकल रिकवरी के बाद ही अस्पताल से छुट्टी ले सकता है |

    ●मरीज़ को अस्पताल द्वारा छुट्टी देने से पहले आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।

    17. क्या करेंअगर आप होम आइसोलेशन हुए व्यक्ति के साथ घर पर रह रहे हो?

    अगर आप होम आइसोलेशन हुए घर में रह रहे हैं और उस घर में संक्रमित व्यक्ति है तो आपको उस से दूरी बना कर रखनी है |

    ●उस व्यक्ति को उसके ही कमरे में रखने की कोशिश करें |

    ●अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें अगर कर सकते हैं तो

    ●साझा क्षेत्रों में जाने से पहले, शमन करने वाले व्यक्ति को अपने हाथ धोने चाहिए और उस व्यक्ति से 6 फ़ीट की दूरी रखनी चाहिए |

    ●घर में सभी को हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए

    ●होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को तुरंत अलग हो जाना चाहिए अगर वे बीमार हो जाता उसे स्टेट या डिस्ट्रिक्ट हेल्पलाइन पर फ़ोन करना चाहिए |

    18. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना के इलाज के लिए चर्चा में थी किस परिस्थितियों में इसका उपयोग किया जा सकता है?

    23 मार्च को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है | प्रदान की गई जोखिम वाली जनसंख्या (स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना के संदिग्ध या पॉजिटिव मामलों की देखभाल में शामिल है) में केमोप्रोफिलैक्सिस के साथ एचसीक्यू भी शामिल है  | सभी के लिए, संयुक्त निगरानी समूह और एनटीएफ ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के रोगनिरोधी जांच की बात कही है |  कुछ

    कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

    (क) सभी असिमटोमैटिक, स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के नियंत्रण और उपचार में शामिल हैं, जिन स्वास्थय कार्यकर्ताओं को यह दवा दी गई उनमें कोरोना का संक्रमण कम देखा गया |

    (ख) असिमटोमैटिक सीमावर्ती कार्यकर्ता जो बॉर्डर पर तैनात हैं और शहर के कन्टेनमेंट क्षेत्र में तैनात निगरानी कर्मी और अर्धसैनिकबल / पुलिस कर्मी, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह दवा अब कोरोना से बचाव में जुटे अन्य कर्मियों को भी देने की बात कही गई है |

    (ग) लेबोरेटरी में कोरोना के पॉजिटिव मामले जो घरेलू संपर्क में आते हों | कंटेनमेंट जोन में तैनात पुलिसकर्मियों,अर्धसैनिक बलों और अन्य लोगों को भी यह दवा देने की बात कही गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए सिरे से डोज का भी पुनर्निर्धारण किया है।

    अपवर्जन/ एक विशिष्ट स्थिति जिसमें एक दवाप्रक्रिया या सर्जरी का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है |

    हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बहुत से मामलों में मरीज़ों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है|

    (क) रेटिनोपैथी |

    (ख) एचसीक्यू या 4- अमीनोक्विनोलिन में अतिसंवेदनशीलता |

    (ग) G6PD की कमी |

    (घ) पहले से मौजूद कार्डियोमायोपैथी और कार्डियक ताल विकार |

    गर्भवती महिलाओं, और 15 साल से छोटे बच्चों को दवा नहीं देने की बात मंत्रालय की और से की गई है।

    दिशानिर्देशों में कहा गया है कि डॉक्टर की सलाह के बगैर इसे नहीं लेना चाहिए। यह भी साफ किया गया है कि क्लोरोक्वीन बचाव की पूरी गारंटी नहीं है | हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कार्डियोमायोपैथी और लय (हृदय गति) विकार जैसे हृदय संबंधी दुष्प्रभावों का कारण बनती है, साथ यह कभी आंखों की बीमारी का कारण बन सकती है जो आमतौर पर आत्म सीमित है |

    उपरोक्त कारणों के लिए दवा को एक सहमति के साथ सख्त चिकित्सा विज़न के तहत दिया जाना चाहिए |  कुछ उदहारण निचे दिए गए हैं |

    (क) कर्मियों की श्रेणी और दवाई की डोज़ |

    असिमटोमैटिक मामले जिनकी पुष्टि की गई हो और जो घरेलु संपर्क में हों, तो दवाई 400 एमजी दो दिनों में एक बार लें | 1 गोली भोजन के साथ लें अगले 3 सप्ताह के लिए सप्ताह में एक बार 400 एमजी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लें |

    (ख) जो असिमटोमैटिक, स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के नियंत्रण और उपचार में शामिल हैं, और जो फ्रोंटलाइन वर्कर्स हैं जैसे पुलिस और अर्धसैनिक बल, वो हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को दो दिनों में एक बार 400 एमजी लें | अगले 7 सप्ताह के लिए दिन में एक बार 400 एमजी खाने के साथ लें |

    हर एक सवाल का जवाब कोरोना से संबंधित जो आप जान न चाहते हैं

    19. होम क्वारंटाइन क्या है?

    होम क्वारंटाइन का मतलब है अपने घर में रहते हुए अपने आप को दूसरे लोगों से अलग कर लेना | जो लोग खुद को होम क्वारंटाइन करते हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वह 14 दिनों के लिए पने आप को दूसरे लोगों से अलग रखें |

    20. होम क्वारंटाइन की आवश्यकता किसको होती है?

    14 दिनों के होम क्वारंटाइन की आवश्यकता वाले लोगों में ये शामिल है –

    ●कोरोना प्रभावित देशों से यात्रा का इतिहास (सरकार की गाईडलाइन के मुताबिक) |

    ●घरेलू ट्रेन या हवाई यात्रा का इतिहास अगर राज्य सरकार द्वारा यह अनिवार्य है |

    ●हाई रिस्क कॉन्टेक्ट्स |

    ●कोरोना संक्रमित के घर में रह रहा है |

    21. इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन क्या है?

    इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन है जब आपको डॉक्टर द्वारा कुछ समय के लिए क्वारंटाइन होने की सलाह दी जाती है |

    22. इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के सुविधा सेंटर कितने प्रकार के हैं?

    इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के सुविधा सेंटर 2 प्रकार के हैं |

    (क) सरकार द्वारा चलाए जाने वाला

    (ख) पेड निजी क्वारंटाइन सर्विस

    23. इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की आवश्यकता किसको है?

    (क) जिन्हें होम क्वारंटाइन होने को कहा गया है लेकिन उनके घर में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है और वह आवश्यक सावधानी नहीं बरत सकते जैसे शारिक दूरी का पालन करना |

    (ख) चिकित्सा अधिकारी द्वारा कहें जाने पर जब कोई संदिग्ध मामला हो और उसके लक्षण बढ़ रहे हों |

    (ग) अगर कोई रेल, हवाई, बस यात्रा का इतिहास रहा है सरकार की गाईडलाइन के मुताबिक |

    24. खुद को सेल्फ क्वारंटाइन कैसे करें?

    (क) सेल्फ क्वारंटाइन के दौरान, आपको आपके घर पर या स्थान पर जहाँ आप हैं वहां से 14 दिनों के लिए आपको बहार नहीं निकलना | किसी भी ऐसी जगह न जाएं जहाँ किसी से आप मिलें | जैसे कि मार्केट, कॉलेज, स्कूल, कोई पार्टी |

    (ख) आपके घर या स्थान में बस वही लोग होने चाहिए जो आपके साथ रहते हैं | आपको किसी बहारी व्यक्ति से नहीं मिलना है अगर आपसे कोई मिलने आया है या कोई समान देने आया है तो घर के किसी और सदस्य से कहें उस व्यक्ति से मिलने के लिए | अगर आप पीजी, हॉस्टल में रहते हैं तो किसी और को ही कहें बहारी व्यक्ति से मिलने के लिए |

    (ग) सेल्फ क्वारंटाइन के दौरान अपने आप की जांच करें कि कोई कोरोना का लक्षण तो नहीं

    (घ) अगर आप बीमार पड़ जातें हैं, घर के सदस्यों को सेल्फ क्वारंटाइन में रहना होगा और आपको तुरंत बीमार होते ही डिस्ट्रिक्ट हेल्प लाइन नंबर 1950 पर कॉल करके जानकारी देनी होगी अपने स्वस्थ से संबंधित |

    25. क्या आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगाअगर सेल्फ क्वारंटाइन में कोई हो तो?

    हाँ, आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है | आरोग्य सेतु ऐप किसी भी कम्पेटिबल फ़ोन में डाउनलोड  किया जा सकता है | आपको अपने स्वास्थ्य की  स्थिति को नियमित रूप से अपडेट करते रहना होगा |

    अगर किसी के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है तो उनके लिए भारत सरकार ने फ़ीचर फोनों के लिए आरोग्य IVRS 1921 सर्विस की शुरुआत की है । इस सर्विस का टोल-फ्री नंबर  है ‘1921’। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करने के बाद आपको वापस कॉल आएगा, इस कॉल में आपके स्वास्थ्य से जु़ड़े इनपुट्स लिए जाएंगे, इसे लैंडलाइन फ़ोन से भी किया जा सकता है ।

    26. वे कौन से लक्षण हैं जो इंगित करते हैं कि होम क्वारंटाइन हुए व्यक्ति को तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है?

    (क) कोरोना के सबसे सामान्य लक्षण बुखार और सूखी खांसी हैं। कुछ मरीज़ों को सीने में दर्द, बहती नाक या सुगंध की भावना खोने के संकेत मिल सकते हैं |

    (ख) बुज़ुर्ग लोगों और दिल की समस्याओं या मधुमेह जैसी गंभीर चिकित्सा समस्याओं वाले लोगों में कोरोना विकसित होने की सबसे अधिक संभावना होती है | बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ वाले लोगों को तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करना चाहिए या जिला हेल्पलाइन नंबर (1950/108) पर कॉल करना चाहिए।

    27. अगर में सेल्फ क्वारंटाइन हूँऔर कोरोना के रिजल्ट का इंतज़ार कर रहा हूँरिपोर्ट नेगेटिव आती है तो क्या मुझे 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वारंटाइन में रहूँ?

    (क) अगर आपके लक्षण माइल्ड हैं या आपका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है, तो आपको तब तक सेल्फ क्वारंटाइन में रहना चाहिए जब तक कि आपके सारे लक्षण नहीं चले जाते |

    (ख) यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि क्या करना है, तो चिकित्सा अधिकारी से बात करें आपको कब तक सेल्फ क्वारंटाइन की आवश्यकता है। आप अपने डॉक्टर की सलाह पर सामान्य गतिविधियों में लौट सकते हैं, लेकिन आपको तभी भी शारीरिक दूरी का पालन करते रहना होगा।

    (ग) अगर आप हाई रिस्क कॉन्टैक्ट की श्रेणी में हैं, तो 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की जांच करें । यदि आपको कोई नया लक्षण दिखाई देता हैं, तो स्वयं सेल्फ क्वारंटाइन करें और अपने राज्य  या डिस्ट्रिक्ट हेल्पलाइन  को सूचित करें।

    28. किन्हें सेल्फ क्वारंटाइन करना चाहिए?

    सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्री – जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं – 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वारंटाइन अनिवार्य है |

    ●7 दिनों के लिए अपनी लागत पर वह सेल्फ क्वारंटाइन होंगे |

    ●7 दिनों के लिए अपने घर पर आइसोलेट रहना होगा और रोज़ाना जांच करनी होगी शरीर की |

    अगर कोई लक्षण मिलें तो संपर्क करें डिस्ट्रिक्ट हेल्पलाइन नंबर पर या राज्य हेल्पलाइन नंबर पर  |

    29. सेल्फ क्वारंटाइन के दौरान मैं और मेरे परिवार द्वारा उपयोग किए जाने वाले मास्क का निपटान कैसे करना चाहिए?

    (क) सेल्फ क्वारंटाइन के संदिग्ध मामलों या कोरोना पॉजिटिव मामलों के कारण उत्पन्न जैव चिकित्सा अपशिष्ट को अलग से पीले बैग में एकत्र किया जाना चाहिए।

    (ख) वह पीला बैग कूड़ा उठाने वालों को दे देना चाहिए |

    30. नर्सिंग माताओं के लिए प्रोटोकॉल क्या है जो कोरोना पॉजिटिव हैं?

    मौजूदा रिपोर्टों में माँ के दूध में कोरोना पैदा करने वाले वायरस का पता नहीं चला है|

    यदि माँ और बच्चे को अस्थायी रूप से अलग कर दिया जाता है, तो माँ को अपने दूध को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, और कोई और, जैसे कि नर्स, बच्चे को पिलाएगी।

    बोतलों को छूने या अपने बच्चे की देखभाल करने से पहले हाथ धोने के लिए सभी देखभाल करने वालों को याद दिलाएं। यदि आप सीधे स्तनपान करने का निर्णय लेते हैं, तो वायरस के संभावित प्रसार को रोकने के लिए सभी अनुशंसित कदम उठाएं।

    31. यदि मैं वन्दे भारत मिशन का एक अंतरराष्ट्रीय रिटर्न हूँ और इसंटीटूशनल क्वारंटाइन में हूँतो क्या मुझे 14 दिनों की पूरी अवधि के लिए क्वारंटाइन में रहना होगाअगर मेरा कोरोना टेस्ट नेगेटिव आता है?

    स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 24 मई 2020 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार – बोर्डिंग से पहले, सभी यात्री एक वचन देंगे कि वे 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन से गुजरेंगे – 7 दिनों के लिए अपनी लागत पर इसंटीटूशनल क्वारंटाइन का भुगतान किया जाना है, इसके बाद 7 दिन स्वास्थ्य की निगरानी के साथ घर पर आइसोलेशन।

    7 दिनों की अनिवार्य अवधि के पूरा होने के बाद, यदि व्यक्ति का कोरोना टेस्ट नेगेटिव निकलता है, तो नोडल अधिकारी को वचन देकर, वह व्यक्ति घर पर 7 दिनों के सेल्फ आइसोलेशन पर रहेगा|

    32. क्या करें अगर मैं कोरोना पॉजिटिव हूँ और मेरे पास एक पालतू जानवर भी है?

    ● भोजन या बिस्तर साझा करने सहित अपने पालतू जानवरों के संपर्क से बचें|

    ● यदि आप बीमार होने के दौरान अपने पालतू जानवरों की देखभाल करते हैं, तो एक कपड़ा चेहरा ढंककर रखें और उनसे बातचीत करने से पहले और बाद में अपने हाथ धो लें|

    ● यदि आप बीमार हैं और आपका पालतू पशु बीमार हो गया है, तो अपने पालतू पशु को स्वयं पशु चिकित्सालय में न ले जाएँ। इसके बजाय अपने पशु चिकित्सक को बुलाएं।

    आशा है आपके सारे सवालों के जवाब, देने में आपकी सहायता की होगी |

    यह समय आलास से बैठ जाने का नहीं बल्कि पूर्ण भाव से अभ्यास में संलग्न रहने का है ताकि ज़रूरत पड़ने पर हम पूरी क्षमता के साथ कार्यशील हो सकें |