फरीदाबाद का ईतिहास के साथ नाता तो है ही, लेकिन अब एक और ईतिहास बन ने जा रहा है। नया ईतिहास नगर निगम के कामों के लिए बनाया जाएगा। जिले में कुछ देर बारिश होती है और हाल बेहाल हो जाता है। जिले में गत दिनों हुई सुबह से शाम तक बारिश से निगम का इंजीनियरिग फार्मूला फेल नजर आया। जलभराव से कहीं जाम की स्थिति बनी, तो कहीं पानी में फंस जाने से वाहन चालक परेशान रहे।
स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के हालात तो यह हैं कि दिनों तक पड़ा पानी भी सड़कों को नहीं छोड़ता। राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी जलभराव हो जाता है, तो हार्डवेयर चौक से बाबा दीप सिंह चौक की जर्जर सड़क भी यातायात व्यवस्था को प्रभावित करती है।
संजय कॉलोनी हो या भगत सिंह कॉलोनी। पॉश एरिया हो या स्लम एरिया। जिले में हर जगह जलभराव होता है। इसमें भी कोई हैरानी की बात नहीं की रेलवे रोड स्थित फरीदाबाद नगर निगम कालोनी में भी जलभराव हो जाता है। यह हाल तो तब है जब कि नगर निगम में इंजीनियरों की भरमार है।
अधिकारी अपना काम अच्छे से नहीं कर रहे हैं। किसी भी वक़्त बारिश के जलभराव से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। एनआइटी, बड़खल, ओल्ड फरीदाबाद तथा बल्लभगढ़ की कई कालोनियों में जलभराव आम बात है। सेक्टर्स तो सभी तालाब में बदल जाते हैं।
जिले में कोरोना और नगर निगम में भ्रष्टचार दोनों ही तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। जनता की फ़िक्र किसी को नहीं है। एनएचपीसी अंडरपास के जलभराव में गत दिनों कई वाहन चालक फंस गए थे। बाद में और लोगों ने इन वाहन चालकों की मदद करके जलभराव से बाहर निकाला। ऐसा यहां पहली बार नहीं हुआ था।
बारिश से मौसम भले ही सुहावना ह जाता है, लेकिन नागर निगम के अधिकारीयों के कर्म के पीछे जनता का पूरा दिन बर्बाद हो जाता है।