हरियाणा सरकार हो या कोई भी अन्य सरकार सभी से आपने सुना होगा कि वे कूड़े से बिजली बनाने का कार्य करेंगे। लेकिन आपने होता हुआ कभी नहीं देखा होगा। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बंधवाड़ी लैंडफिल साइट से लीचेट के सैंपल लिए। सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। यहां पर लीचेट के वन क्षेत्र में फैलने की शिकायतें कई एनजीओ और सामाजिक संगठनों से मिल रही थी। लीचेट के जमीन में पहुंचने से भूजल भी जहरीला हो रहा है।
बंधवाड़ी में प्रदेश का सबसे बड़ा कूड़े का पहाड़ माना जाता है। ख़बरों के मुताबिक में बंधवाड़ी में 330 करोड़ की लागत से नया सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया जाना था। इसके लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी अधिकारीयों किए थे। यह एमओयू गुरुग्राम एवं फरीदाबाद नगर निगमों के बीच हुआ था।
दरअसल, बात 2017 की है और अभी तक बिजली नहीं बनी है। परियोजना में 330 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इधर से रोजाना 10 मेगावाट बिजली बनाई जानी थी। दोनों निगमों के बीच हुए हस्ताक्षर में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण की मौजूदगी में हुए थे।
हर योजना और परियोजना की कुछ विशेषताएं होती हैं। इसकी भी थी कुछ इस प्रकार कुशलडोर-टू-डोर कलेक्शन। पारंपरिक वाहनों के मुकाबले मिनी टिपर्स और ई-रिक्शा का प्रयोग। जीपीएस/आरएफआईडी लगे सभी वाहनों की प्रभावी निगरानी। कंप्यूटरीकृत मार्ग मैपिंग के जरिए समय-समय पर कुशल अपशिष्ट संग्रह। प्रिंटर सहित डिवाइस के माध्यम से कुशल उपयोगकर्ता जार्ज संग्रह। मिनी टिपर्स और ई-रिक्शा से प्राप्त कचरे को सीधे कॉम्पैक्ट और परिवहन के लिए रणनीतिक स्थानों पर छोटे ट्रांसफर स्टेशनों की स्थापना।