अरावली में अवैध रूप से खनन और पेड़ों की कटाई बदस्तूर जारी है। शनिवार को पर्यावरण प्रेमी जब अरावली की तरफ गए तो देखा कि घने जंगल के बीच मांगर और अनखीर में कुल 14 फार्महाउस बन रहे हैं। उनका कहना है कि वह इसकी पूरी डिटेल सीएम को भेजेंगे।राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार को अरावली वन भूमि से अवैध निर्माण हटाने के लिये जल्द कार्रवाई करने के लिये कहा है। एनजीटी ने अपने आदेश की समीक्षा करने के लिये 10 फार्म हाउस मालिकों की ओर से दायर याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि जिस भूमि का जिक्र किया गया है वह वन भूमि है और उसपर हुआ निर्माण अवैध है।
एनजीटी ने 26 अगस्त को हुई सुनवाई के बाद 31 जनबरी 2021 को स्टेट्स रिपोर्ट सबमिट करने के आदेश दिए है। इस आदेश के बाद जिला वन विभाग के सामने अब इस बात की चुनौती रहेगी की अरावली में हुए 120 अवैध निर्माण को कैसे तोडा जाये। क्युकी इससे पहले कई बार अवैध निर्माण को हटने पर कार्येवहि की गयी है लेकिन फिर दुबारा से अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया जाता है।
फरीदाबाद-गुड़गांव समेत दिल्ली को शुद्ध ऑक्सिजन देने वाली अरावली पर्वतमाला भू माफिया के कब्जे में आ चुकी है। यहां पर हरे जंगलों को काट कर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। शनिवार को कुछ पर्यावरण प्रेमी सुनील हरसाना, नीलम, गौरव, चंद्रामौली बासू, विष्णु गोयल, चेतन अग्रवाल अरावली की तरफ गए। वहां उन्हें 14 फार्महाउस दिखे। सुनील ने बताया कि मांगर में 6 एकड़ जमीन पर फार्महाउस बन रहा है। अनखीर फॉरेस्ट के अंदर घुसे तो हर दो कदम पर दर्जनों फार्महाउस बनता दिखा। अनखीर में कुल 958 एकड़ पहाड़ है। इसमें से 78 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है और 5.55 एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि इसकी पूरी रिपोर्ट सरकार को देंगे।
एनजीटी ने इस मामले में 26 अगस्त को सुनवाई की। और आदेश दिए की 120 से ज्यादा हो रहे अवैध निर्माण को रोका जाये और 31 जनबरी 2021 को स्टेट्स रिपोर्ट सबमिट करने के आदेश दिए है।