फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने युवाओं को समझाया मातृभाषा और अंको का खेल ।

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फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह ने अपने कार्यालय सेक्टर 21C में मिटिगं के दौरान टीनएजर्स को आने वाली कुछ प्राथमिक समस्याओं के बारे में जाना।

बैठक में पुलिस कमिश्नर के साथ एसीपी आदर्श दीप सिंह, दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र शौर्य भारद्वाज, अभिकांश ऑफिस में मौजूद थे, जबकि हेयती मेहरा,त्रषभ और सोसाइटी के कुछ सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे

फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने युवाओं को समझाया मातृभाषा और अंको का खेल ।

सबसे पहले छात्रों ने पुलिस कमिश्नर द्वारा चलाए गए एंटी बुलिंग कैंपेन पर खुशी जाहिर करते हुए धन्यवाद किया और बताया कि इस पहल से उन्हें उनके जीवन की बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करने का हौसला प्राप्त हुआ है और हमारे भविष्य के लिए एक नई उम्मीद की किरण जागृत हुई है

पुलिस कमिश्नर ने इस बैठक में छात्रों के शैक्षणिक जीवन के बारे में बातचीत की और श्री सिंह ने कहा कि ज्यादा अंक हमेशा सफलता की या कम अंक असफलता की कुंजी नही होता,

ज्यादा अंको को नही माने सफलता का पैमाना,

फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने युवाओं को समझाया मातृभाषा और अंको का खेल ।

बच्चों द्वारा अधिक नम्बर लाने से यह नही कहा जा सकता की वह अपने जीवन में बहुत सफल इंसान बन सकता है बच्चों के शैक्षणिक जीवन में माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान होता है बच्चों के भविष्य को संवारने में माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों का सही मार्गदर्शन करें ना कि अपने विचार उनपर थोपे जिनसे उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़े और आगे जाकर उनके भविष्य में कठिनाइयां उत्पन्न हों
इस बैठक में छात्रों ने अपने विद्यार्थी जीवन में आने वाली समस्याओं के बारे में वार्तालाप करते हुए बताया कि उन्हें अपने जीवन में किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है छात्रों ने पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह से जीवन को सही दिशा में ले जाने के मूल मंत्र भी प्राप्त किए।

श्री सिंह ने आगे बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों की भावनाओं को समझना चाहिए और जानना चाहिए कि उनके बच्चे अपने जीवन में क्या बनना चाहते हैं। उन्हें अपने बच्चों के जीवन के लक्ष्य निर्धारण में उनका सहयोग करना चाहिए और उन्हें उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए

फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने युवाओं को समझाया मातृभाषा और अंको का खेल ।

पुलिस कमिश्नर ने आगे बताते हुए कहते हैं कि किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं इसलिए हमें अपने जीवन में इन्हें पढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमें हिंदी भाषा पर गर्व होना चाहिए और हमें हमारी मातृभाषा हिन्दी पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए । मातृभाषा मे लिखित अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए जिनमें उन्होंने *श्री रामधारी सिंह दिनकर* की लिखित *रश्मि रथी* और *श्रीलाल शुक्ल* लिखित *राग दरबारी* पढ़ने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि अच्छी किताबें पढ़ने से हमारा ज्ञान वर्धन तो होता ही है साथ में *पार्किशन * जो *भूलने की बीमारी है* , नही हो सकती इसलिए किताबें पढनी चाहिए। साथ ही उन्होंने छात्रों को *फॉरेस्ट गंप* मूवी देखने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि हमें अपने फायदे के लिए प्लानिंग के तहत किसी दूसरे का नुकसान नहीं करना चाहिए। हम असमर्थ छात्र-छात्राएं न बने अपने भविष्यहित के फैसले लें, जहां कुछ गलत होता दिख रहा है तो उस पर अपनी आवाज उठाएं।

फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने युवाओं को समझाया मातृभाषा और अंको का खेल ।

उन्होंने कहा कि जब किसी टीनएजर्स को बुलिंग की जाती है तो उसमें हीन भावना पैदा हो जाती है जिससे कि उसमें आत्मविश्वास की कमी आ जाती है और वह अपनी भावनाओं को अच्छे से व्यक्त करने में भी असमर्थ रहता है।

इसलिए हमें एक दूसरे को बुलिंग करने की बजाय एक दूसरे का हौसला बढ़ाना चाहिए और अपने साथियों को लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिनसे उनमें एक नई उम्मीद कायम हो सके और वह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए अग्रसर हो पाएँ। अंत में छात्रो ने कहा कि उन्हें पुलिस कमिश्नर से मिलकर बेहद खुशी हुई और उन्हें अपने मार्ग में आगे बढ़ने के लिए उनके मन में हौसले की एक लहर उत्पन्न हुई है।APRO