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विभाग की लापरवाही से 8 साल बाद भी घाट की राह देखते धोबी समाज के 6 हजार परिवार

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फरीदाबाद : विभाग की लापरवाही के चलते धोबी समाज 8 साल बाद भी जहां राह भरी नजरों से घाट के इंतजार में पलके बिछाए बैठे हैं। वहीं दूसरी तरफ दो विभाग की खींचतान में धोबी समाज परिवार आटे की चक्की की तरह पिस रहा है।

हालांकि, कांग्रेस सरकार में धोबी समाज के लिए घाट बनाए तो गए थे लेकिन आज भी धोबी समाज को इन घाटों से वंचित रखा गया है। यह घाट बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सालों पहले बनाया गया था

विभाग की लापरवाही से 8 साल बाद भी घाट की राह देखते धोबी समाज के 6 हजार परिवार

जिसे लगभग 8 साल होने को है। बावजूद इसके अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज धोबी समाज बेरोजगार होने की कगार पर खड़ा है।

विभागों की आपसी खींचतान के कारण इन समाज के लोगों को कपड़े धोने के लिए गुरुग्राम आगरा नहर पर जाना पड़ता है। यही कारण है कि इनका काम अब ना के बराबर हो गया है और यह बेरोजगार होने की कगार पर खड़े हैं।

विभाग की लापरवाही से 8 साल बाद भी घाट की राह देखते धोबी समाज के 6 हजार परिवार

उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उनके लिए दो वक्त की रोटी रोजी का इंतजाम करना भी दुश्वार हो गया है। लॉकडाउन में तो इनके कार्य को लगभग पलीता लग चुका है।

सेक्टर 3 सहित बल्लभगढ़ में आसपास के क्षेत्र में धोबी समाज के करीब 6 हजार परिवार है। जिनका रोजगार टेंट संचालकों सहित लोगों के कपड़े धोना से फलता फूलता था,

परंतु काफी वर्षों से यह लोग नहर के सहारे अपना रोजगार चलाते हैं। किंतु समय बीतने के साथ नहर का पानी खराब होने लगा है। जिस कारण धोबी समाज के लोग के पास कपड़ों की धुलाई का काम कम होने लगा।

काफी परेशान होने के बाद भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार से समाज के लोगों ने अपने अलग अलग से बांट दिए जाने की मांग रखी। वर्ष 2012 में हुडा विभाग द्वारा धोबी समाज के लिए सेक्टर 3 में धोबी घाट तैयार करा दिया गया था।

जिस में समाज के लोगों का आरोप है कि अनेक बार हुड्डा के अधिकारियों से संपर्क किया गया, लेकिन यही जवाब मिलता कि उन्होने घाट तो फरीदाबाद नगर निगम को सौंप दिया है। दोनों विभाग एक दूसरे पर डालते आ रहे हैं और समाज को घाट नहीं मिला है।

समाज की ओर से जवाहरलाल ने सीएम विंडो पर 30 अगस्त 2019 को एक लिखित शिकायत रखी थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि उन्हें बताया जाए कि उन्हें 2012 में बनाया गया धोबी घाट क्यों नहीं सौंपा जा रहा है?

फिर 8 नवंबर 2019 को विभाग के तत्कालीन संपदा अधिकारी में सीएम विंडो के जवाब में आयोग को एक पत्र लिखा कि उनके विभाग ने 6 मार्च 2019 को घाट की फाइल निगम प्रशासन को सौंप दी है अब वह इसकी आगामी कार्यवाही करें।

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