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फरीदाबाद में चलते फिरते बने सड़क दुर्घटना का सर्वाधिक कारण, संबंधित अधिकारी बेखबर

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फरीदाबाद को बेशक स्मार्ट सिटी का तमगा तो मिल गया है। परंतु फरीदाबाद अभी भी स्मार्ट सिटी बनने से अभी कोसों दूर है। फरीदाबाद इन दिनों आवारा व बेसहारा जानवरों का गढ़ बन चुका है।

फरीदाबाद में जगह-जगह चौक चौराहे पर बेसहारा गाय और नंदी ने अपना डेरा जमा रखा है। यह बेसहारा जानवर गलियों में ही नहीं अपितु मुख्य सड़कें व राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी देखने को मिलती है।

फरीदाबाद में चलते फिरते बने सड़क दुर्घटना का सर्वाधिक कारण, संबंधित अधिकारी बेखबर

यह बेसहारा गोवंश सड़कों के किनारे पड़े कूड़े के ढेर को अपना आहार बनाती हैं जिनमें पॉलिथीन इत्यादि आदि चीजें भी शामिल रहती है। जो इन बेसहारा गोवंश की मृत्यु का कारण बनती है। आपको बता दें कि फरीदाबाद में लगभग 10 से ज्यादा गौशाला हैं जिनमें सरकारी गौशाला भी शामिल है।

फिर भी यह गोवंश सड़कों के किनारे रहती है और वही अपना भरण पोषण करती हैं। बाईपास रोड सेक्टर 18 के निकट गांव में आवारा पशुओं का झुंड सड़क के बीचों बीच आराम करता देखा जा सकता है।

फरीदाबाद में चलते फिरते बने सड़क दुर्घटना का सर्वाधिक कारण, संबंधित अधिकारी बेखबर

आपको बताते चलें फरीदाबाद बायपास रोड बदरपुर बॉर्डर से लेकर बल्लमगढ़ क्रॉस करता हुआ निकलता है ऐसे में इस रोड़ का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले राहगीरों पर यह आवारा पशु का झुंड कभी-कभी हमला भी कर देता है जिसमें कई बार व्यक्ति जख्मी भी हो चुके हैं।

मनोहर सरकार ने अपनी सत्ता की पहली पारी 2015 के प्रारंभ में “गौ संवर्धन व गौ संरक्षण” कानून बनाया था जिसके अंतर्गत सभी शहरों में गौ सेवा आयोग का गठन किया गया जिसका उद्देश्य गोवंश की रक्षा करना था।

फरीदाबाद में चलते फिरते बने सड़क दुर्घटना का सर्वाधिक कारण, संबंधित अधिकारी बेखबर

सरकार दो बार दावा कर चुकी हैं कि हरियाणा के शहर बेसहारा गोवंश से मुक्त है और फरीदाबाद के पूर्व डीसी समीर पाल सरो भी शहर को बेसहारा गोवंश मुक्त करने के लिए अवार्ड ले चुके हैं, परंतु फरीदाबाद की तस्वीर सरकार के दावों से बिल्कुल उलट है।

फरीदाबाद में चलते फिरते बने सड़क दुर्घटना का सर्वाधिक कारण, संबंधित अधिकारी बेखबर

ऐसे में यह तस्वीरें सरकार के वादे और नाकामी की पोल खोल रही है। आवारा पशु ना सिर्फ आमजन के लिए बल्कि वाहनों में आवागमन करने वाले चालकों के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं। इससे संबंधित अधिकारियों को चाहिए कि वह इस बाबत सख्त से सख्त कदम उठाएं।

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