सेक्टर 34 का कनिष्का टावर अभी भी कोरोना वायरस के प्रभाव से अनछुआ, यह है खास वजह

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शहर में जहां हर गली, मोहल्ले , कॉलोनी ,सेक्टर व सोसायटी में कोरोना सक्रमण के बढ़ते मामले मिल रहे हैं। वही सेक्टर 34 स्थित कनिष्का टावर एक ऐसी सोसाइटी है, जहां पर अभी तक एक भी कोरोना सक्रमण का मरीज नहीं मिला हैं।

यहां के निवासियों ने अपनी सजगता और एकता से दिखा दिया कि कितनी भी बड़ी मुसीबत हो सब मिलकर और धैर्य से मुकाबला करें तो उसे आसानी से हरा सकते हैं।

इन लोगों ने कोरोना से भी ऐसे ही लड़ाई लड़ी लॉकडाउन के दौरान नियमों का रूप से पालन किया। एक दूसरे की मदद की खासकर सोसाइटी की मेड और सुरक्षाकर्मी और बाकी घरेलू काम करने वालों की, ताकि वे किसी दिक्कत में ना आएं और सुरक्षित रहें। सोसाइटी में तीन टावर है। जिसमें करीब 190 परिवार रह रहे हैं सब हमेशा सकारात्मक बने रहे।

सोसाइटी वालों ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद

सोसाइटी के सभी रेजिडेंट्स ने 1 लाख 50,000 रुपए का चंदा एकत्रित कर वहां काम करने वाली मेड सुरक्षा, गार्ड, धोबी और अन्य जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद की। जिससे वह लोग संक्रमण का शिकार ना हो इसलिए उन्हें सैनिटाइजर दवाई समय-समय पर देते रहे। वहीं उन्हें राशन की भी कमी महसूस नहीं होने दी, ताकि यह लोग काम के चक्कर में सोसाइटी से बाहर ना जाए और संक्रमण की चपेट से बचे हैं।

घर में काम करने वाले और सुरक्षा, देखभाल करने वालों को दी पूरी पूरी सैलरी

रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसायटी के प्रधान अजय गुप्ता ने बताया कि बंदी के दौरान मेड की एंट्री को बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद भी सभी रेजिडेंट्स में हर महीने समय-समय पर मेड को सब्जी देते रहे
इसके साथ ही सुरक्षा गार्ड की सैलरी कभी नहीं रोकी गई। प्रधान का कहना है कि सोसाइटी में सुरक्षा गार्ड और मेड मिलाकर करीब 70 से अधिक संख्या है, जिनकी लॉकडाउन के दौरान हर संभव मदद की गई है।

सब्जी विक्रेताओं को भी सोसाइटी से रखा दूर

आरडब्लूयूए प्रधान का कहना है लॉकडाउन एक और दो तक बहुत ही कढ़ाई के साथ पालन कराए हैं। सोसाइटी का ना तो कोई रेजिडेंट्स भर जाता है, और ना ही अंदर आता था। सोसाइटी के सामने एक सब्जी विक्रेता से बात करके उससे गेट पर ही सब्जी मंगवाकर कर सभी रेजिडेंट्स खरीदते थे। सब्जी खरीदने के बाद घर पर आने से पहले उसे अच्छी तरह से धोने के बाद ही अंदर आते हैं।