Homeफरीदाबाद में रेलवे किनारे बसी झुग्गियां खतरें में, इतने दिनों में टूटने...

फरीदाबाद में रेलवे किनारे बसी झुग्गियां खतरें में, इतने दिनों में टूटने की आशंका

Array

Published on

फरीदाबाद में रेलवे किनारे बसी झुग्गियां खतरें में : फरीदाबाद समेत एनसीआर में रेलवे किनारे हर जगह लोगों ने अवैध तरीके से अपना आवास बनाया हुआ है। देश की शीर्ष अदालत ने बहुत अहम कदम उठाया है। दरअसल, दिल्ली में रेल ट्रैक के किनारे बसी 48,000 झुग्गियों को हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद व्यवस्था व ट्रेनों के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद जगी है।

दिल्ली ही नहीं बल्कि फरीदाबाद जैसे देश के बड़े शहरों में शासन-प्रशासन की नजरों के सामने रेलवे लाइन किनारे झुग्गी बस्तियों के बसने की कहानी बहुत पुरानी है।

फरीदाबाद में रेलवे किनारे बसी झुग्गियां खतरें में, इतने दिनों में टूटने की आशंका

अधिकारी बस पैसा कमाने दूसरे राज्यों में जाते हैं, इस बात का प्रमाण इसी से लगाया जा सकता है कि लोग यूँ ही सरकारी जगह पर कब्ज़ा कर लेती है। रेलवे की जमीन पर नियमों को तिलांजलि देती हुई बसी इन बस्तियों को हटाने के लिए पहले भी प्रयास हुए, लेकिन कानूनी पेंच, राजनीतिक दखल और लचर प्रशासनिक रुख के कारण अक्सर वे ढाक के तीन पात साबित हुए।

फरीदाबाद में रेलवे किनारे बसी झुग्गियां खतरें में, इतने दिनों में टूटने की आशंका

रेलवे किनारे बसी झुग्गियों से न केवल दुर्घटना का आसार है, बल्कि कुछ भी किसी भी समय हो सकता है। अपने शहर में रेलवे ट्रैक के किनारे तुग़लकाबाद जंक्शन केबिन से लेकर बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन तक दोनों ओर कई झुग्गी बस्ती हैं।

फरीदाबाद में इंद्रा नगर, राम नगर, ऐसी नगर, कृष्णा कॉलोनी, संजय कॉलोनी, संत नगर, दयाल नगर में झुग्गियां हैं। इन सभी झुग्गियों में कुल मिलाकर लगभग 3 हज़ार झुग्गियां हैं। एक खबर के मुताबिक दिल्ली की 18.9 व चेन्नई की 25.6 फीसद जमीन पर झुग्गियां हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 6.5 करोड़ लोग लगभग 1.4 करोड़ झुग्गियों में जिंदगी बिता रहे हैं।

फरीदाबाद में रेलवे किनारे बसी झुग्गियां खतरें में, इतने दिनों में टूटने की आशंका

भारत में ऐसा माहौल बन गया है कि प्रशासन सबकुछ कार्य होने के बाद ही कार्यवाई करता है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रमुख चार महानगरों की जमीन के एक बड़े हिस्से पर झुग्गियां बस चुकी हैं। मुंबई की छह, दिल्ली की 18.9, कोलकाता की 11.72 व चेन्नई की 25.6 फीसद जमीन पर झुग्गियां काबिज हैं।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...