भारत कोरोना के संकट काल की स्थिति से गुजर रहा है जिस कारण देश की जनता को इस समय कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदे इस दौर में भी इस महामारी को नजरअंदाज करते हुए इस स्थिति को भी धार्मिक रंग देने के लिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज शेयर करने में लगे हुए है।
इसी कड़ी में कल बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा द्वारा एक न्यूज कंपनी के आर्टिकल का हवाला देते गए ट्वीट कर किसी अन्य जगह की घटना को फरीदाबाद में आशा वर्कर्स पर हुए हमले से जोड़कर उसे धार्मिक रंग देते हुए सोशल मीडिया पर ट्विटर के जरिए शेयर किया गया।
लेकिन जैसे ही फरीदाबाद पुलिस कि नजर संबित पात्रा के ट्वीट पर पड़ी तो फरीदाबाद पुलिस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से संबित पात्रा के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उनके द्वारा शेयर कि गई न्यूज को शिरे से खारिज कर दिया और लिखा की जो न्यूज वे फरीदाबाद की बता रहे है उसका फरीदाबाद से कोई लेना देना नहीं है।
इसके अतिरिक्त भी बात की जाए तो जिस आर्टिकल का हवाला देकर संबित पात्रा ने ट्वीट कर आशा वर्कर पर हुए हुए हमले को फरीदाबाद की घटना बताकर शेयर किया था उस लेख में भी स्पष्ट रूप से लिखा था कि फरीदाबाद में जिस प्रकार आशा वर्कर पर हमला हुआ था उसी प्रकार की एक घटना पुनहाना में देखने को मिली जिसके लिए पुलिस जांच कर रही है।
देश में डॉक्टर, नर्श एवं सुरक्षा में लगे राष्ट्र रक्षकों के साथ होने वाली इस प्रकार की घटना बिल्कुल भी उचित नहीं है लेकिन सत्ताधारी पार्टी के नुमाइंदे यदि इस प्रकार फेक न्यूज जनता को परोसेंगे तो इस से जनता में एक विशेष धर्म के लोगो के प्रति हीन भावना उतपन्न होगी जिससे समाज में साम्प्रदायिकता का माहौल बनेगा। वहीं देश वर्तमान दौर में जिस भयावह समस्या से गुजर रहा है उस स्थिति में इस प्रकार असमाजिक का माहौल बनाना बिल्कुल भी उचित नहीं है।