फरीदाबाद : कोरोना वायरस के कारण लागू हुए लॉकडाउन के बाद शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र या स्थल बचा हुआ होगा जहां इसकी मार ना झेलनी पड़ी हो। खासकर सरकारी विभागों की बात करें तो सबसे ज्यादा राजस्व का नुकसान उक्त विभाग को ही झेलना पड़ा है।
अब इस नुकसान की भरपाई करने के लिए विभाग दिन और रात नए नए नियम लागू कर इसकी भरपाई करने में जुटे हुए हैं।इसी विभाग में हरियाणा परिवहन विभाग भी शामिल है। जिसे लॉकडाउन के दौरान से लेकर अभी तक भी घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के कारण परिवहन विभाग को ज्यादा बसें सड़कों पर उतारने की अनुमति नहीं दी गई थी। वहीं अब जब यह बसे सड़कों पर दौड़ भी रही है तो सोशल डिस्टेंस के कारण एक बस में ज्यादा यात्रियों को बिठाने की अनुमति नहीं दी गई है।
यही कारण है कि आप हरियाणा परिवहन विभाग राजस्व को हुए नुकसान को पूरा करने के लिए अवैध रूप से चल रहे वाहनों पर शिकंजा कसते हुए छोटे रूट पर भी यह बस सेवा उपलब्ध कराएगा,
जहां केवल अभी तक अवैध वाहनों पर यात्री निर्भर हुआ करते थे। हरियाणा राज्य में बस 22 मार्च से 15 मई तक पूरी तरह बंद रहीं। इन 54 दिन के लॉकडाउन के बाद भी 15 मई को महज 10 जिलों में ही बस सेवा शुरू हो पाई थी।
परिवहन विभाग को लग चुका है 900 करोड का झटका
अभी तक भी 1 से 3 सितंबर तक औसतन 1750 बस प्रतिदिन चल रही हैं जबकि परिवहन विभाग के बेड़े में किलोमीटर स्कीम की 490 सहित कुल 4090 बस हैं। अभी तक परिवहन विभाग को 900 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।
इसकी भरपाई के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने व्यापक योजना तैयार करवाई है। यात्रियों को ज्यादा बेहतर सुविधा देकर अवैध चल रहे वाहनों पर शिकंजा कसने से लेकर अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) सचिव का पदभार संभाल रहे अतिरिक्त उपायुक्तों को अपने कार्यालय से निकलकर आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य प्राप्त करना होगा।
प्रतिदिन राज्य में चलने वाली बसों का विवरण
राज्य में कुल बस- 4090 (किलोमीटर स्कीम की 490 सहित)
अब चल रही बस- 1750 (प्रतिदिन औसत)
कोरोना संकट से पहले प्राप्ति- लगभग 2 करोड़ रुपये प्रतिदिन
अब प्रतिदिन प्राप्ति- लगभग 1 करोड़ रुपये प्रतिदिन
अब यात्रियों की संख्या- लगभग दो लाख प्रतिदिन
16 सितंबर से चंडीगढ़ आवागमन के लिए दी गई मंजूरी
अंतरराज्जीय बस सुविधा अभी केवल उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ही चल रही है। विभिन्न जिलों से उत्तर प्रदेश में 52 और राजस्थान में 128 बस प्रतिदिन चलाई जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड राज्य सहित दिल्ली, जम्मू कश्मीर व लद्दाख प्रशासन से भी बस चलाए जाने की अनुमति मांगी गई है। चंडीगढ़ प्रशासन ने 16 सितंबर से बस चलाने की अनुमति दे दी है।
अब अवैध वाहनों को पीछे छोड़ छोटे रूप पर भी दिखाई देंगी हरियाणा रोडवेज
परिवहन विभाग अपना घाटा पूरा करने के लिए जहां अवैध रूप से चल रहे वाहनों की धरपकड़ करेगा वहीं यात्रियों की सुविधा के लिए छोटे रूट पर भी बस सुविधा देने के लिए योजना बना रहा है।
परिवहन विभाग के अधिकारी छोटे रूट पर इस तरह बस सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं कि छोटे वाहनों की सवारियां भी बस में सफर करें।
इस पूरे निर्णय में हरियाणा परिवहन विभाग के मंत्री बल्लभगढ़ विधायक मूलचंद शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन में हुए घाटे को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। कुछ राज्यों से बस चलाने की अनुमति मिलने के बाद इसको अंतिम रूप दिया जाएगा।
हम चाहते हैं कि राज्य में अवैध वाहनों से जो परिवहन विभाग के राजस्व को नुकसान होता है, उस पर अंकुश लगा दिया जाए। इसके लिए जिला परिवहन महाप्रबंधकों और आरटीए सचिवों को भी दलबल के साथ फील्ड में उतरना होगा।
मंत्रालय की तरफ से अधिकारियों को अवैध वाहनों पर सख्त कार्रवाई करने आदेश दिए गए हैं। अवैध वाहन चलने पर संबंधित अधिकारियों की जबावदेही होगी।