फरीदाबाद में जीवा पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा, ऑनलाइन शिक्षक दिवस मनाया गया ।

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फरीदाबाद सैक्टर 21बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर वर्चुअल शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। विद्यालय में यह कार्यक्रम छात्रों ने अपनी-अपनी कक्षाओं में प्रार्थना सभा के दौरान संपन्न की, सर्वप्रथम गायत्री मंत्रोच्चारण किया गया, तत्पश्चात उन्होंने अपने शिक्षकों का धन्यवाद करते हुए “गुरु ब्रह्मा: ,गुरु विष्णु:, गुरुदेवो महेश्वरा:, गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः ” श्लोक का भी गायन किया।

फरीदाबाद में जीवा पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा, ऑनलाइन शिक्षक दिवस मनाया गया ।

विद्यालय में आज का यह कार्यक्रम अद्वितीय एवं अनूठा रहा। छात्रों ने अध्यापकों के सम्मान में स्वरचित कविताएं प्रस्तुत किए, लघु नाटिका का मंचन किया, कुछ छात्रों ने सुंदर गीत भी प्रस्तुत किए, इसके साथ ही छात्रों ने वैश्विक महामारी के दौरान भी अपने अध्यापकों के बिना रूके अध्यापन कार्यों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की।

इस अवसर पर छात्रों ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण किया छात्रों ने बताया शिक्षक दिवस उन्हीं के जन्मदिन के सुअवसर पर मनाया जाता है।डॉ० राधाकृष्णन बहुत बडे़ विद्वान,उच्चकोटि के शिक्षक,एवं महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। समाज में एक शिक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

फरीदाबाद में जीवा पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा, ऑनलाइन शिक्षक दिवस मनाया गया ।

आज के परिदृश्य में भी यदि देखा जाए तो शिक्षक अभी भी अपने कार्य में निरंतर लगे हुए हैं, कठिन परिस्थितियों में भी एक शिक्षक ने अपने कार्य को नहीं छोड़ा , किसी भी माध्यम से वे अपने छात्रों से जुड़े हुए है और अध्ययन एवं अध्यापन का कार्य बिना रुके चल ही रहा है।

आज विश्वभर में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं, परंतु शिक्षा का बहुउद्देश्यीय कार्य निरंतर चल रहा है। शिक्षकों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्त्तव्यों का पालन किया। अतः गुरु का स्थान सर्वोच्च है।

फरीदाबाद में जीवा पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा, ऑनलाइन शिक्षक दिवस मनाया गया ।

विद्यालय के अध्यक्ष श्री ऋषिपाल चौहान जी ने इस अवसर पर विद्यालय के सभी अध्यापक गण को संदेश दिया कि शिक्षक दीए के समान होते हैं ,जो अंधकार को अपने प्रकाश से समाप्त कर देते हैं। अतः गुरु का स्थान सर्वोपरी है। उपाध्यक्षा श्रीमती चंद्रलता चौहान ने भी सभी अध्यापकों के इस समय के उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रशंसा की।