पेयजल की किल्लत से जूझ रहे शहर वासियों के लिए राहत भरी खबर है। वाटर स्काडा सिस्टम के तहत इस विषय पर सर्वे किया जा चुका है। सर्वे की रिपोर्ट नगर निगम अधिकारियों को भेजी जा चुकी है। इस योजना पर काम भी शुरू किया जा चुका है।
बताया जा रहा है कि अगले छह माह में पेयजल आपूर्ति प्रणाली की ऑनलाइन निगरानी शुरू हो जाएगी। इससे जो भी अनियमिताएं होंगी वह आसानी से पकड़ में आ सकेंगी। इससे शहरवासियों को फायदा मिलने का दावा किया जा रहा है।
शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए यमुना नदी किनारे बसे गाँव ददसिया और मंझावली में रेनीवेल लगाए गए है। इससे करीब 30 भूमिगत टैंकों में पानी भरा जाएगा। इन सभी को स्काडा सिस्टम से जोड़ा जाएगा। जिससे कि पानी की आपूर्ति का पता लगाया जा सकेगा।
पेयजल आपूर्ति पर निगम अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से निगरानी रख सकेंगे। स्मार्ट सिटी के कार्यकारी अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि स्काडा एक सॉफ्टवेयर है, जिसके माध्यम से निगम अधिकारियों को दफ्तर में बैठे बैठे जल आपूर्ति की जानकारी मिलती रहेगी।
सिस्टम को सबसे पहले पाइप लाइन पर लगाकर चेक किया जाएगा। जिससे पता लगेगा कि रेनीवेल से कितना पानी किस बूस्टर में गया है। बूस्टरों में कितना पानी है। पानी कितनी मात्रा में पाइप लाइन से किस क्षेत्र में गया है। कहीं लीकेज की समस्या तो नहीं।
किस एरिया में कितने पानी की जरूरत है। इससे अवैध कनेक्शन की भी जानकारी मिल सकेगी। यह सारी जानकारी अधिकारीयों के मोबाइल पर ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पहुंच जाया करेगी।