हरियाणा में हुए एक सर्वे के तहत यह पाया गया कि बदलते समय को देखते हुए हरियाणा में 85% माता-पिता की ऐसी राय बन रही है कि हरियाणा के सरकारी स्कूल खोल देने चाहिए। पिछले 6 महीने से बच्चों की पढ़ाई का काफी नुक्सान भी हुआ है। कुछ माता-पिता का तो ऐसा मानना है कि ऑनलाइन क्लास्सेस तो चालू हैं पर क्लास की पढ़ाई और ऑनलाइन पढ़ाई में ज़मीन आसमान का अंतर है और बच्चों के कॉन्सेप्ट्स क्लियर नहीं हो पा रहे हैं।
मौजूदा परिस्थिति में माता-पिता चाहते हैं कि कम से कम कक्षा 10 से 12 की क्लासेज स्कूल में ही लगें। दोनों ही कक्षा के विद्यार्थियों का आने वाले साल में बोर्ड की परीक्षा है। ऐसे में उनके कॉन्सेप्ट्स क्लियर होना अति आवश्यक है। साथ ही ऑनलाइन क्लास्सेस में बच्चे डॉब्टस नहीं पूछ पाते और यह एक बड़ा कारण है जिसकी वजह से माता-पिता चाहते हैं की बड़ी कक्षाओं के स्कूल एक बार फिर से खोले दिए जाएँ।
यह सर्वे हरियाणा राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने किया था जिसमे पाया गया कि 85% पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए त्यार हैं और साथ ही उनके बच्चे भी क्लास को मिस करते हैं। बच्चे भी अपने बोर्ड्स को ले कर काफी चिंतित हैं और साथ ही आतुर हैं कि उनके स्कूल अब जल्द ही खुलें। यह सर्वे सोनीपत और करनाल जैसे राज्यों में किया गया जहां के स्कूल भी हफ्ते में 4 दिन के लिए खुलने वाले हैं – ऐसी सम्भावना जतायी जा रही है।
स्कूल आने से पहले बच्चों को अपने माता-पिता द्वारा सहमति पत्र पर दस्तखत करवाके स्कूल के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ेगा जिसके बाद उन्हें क्लास में बैठने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि स्कूल खुलने पर भी सामाजिक दूरी ( सोशल डिस्टन्सिंग ) का उतना ही ध्यान रखा जाएगा जितना कि बाकी दिनों में रखने के लिए सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की हैं। सामाजिक दूरी का ध्यान रखने के अंतर्गत ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक सेक्शन के बच्चें अन्य सेक्शन के बच्चों से न हिले-मिले।
Written By- MITASHA BANGA