महामारी कोरोना ने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को तार – तार कर दिया है। केंद्र सरकार की संस्था द्वारा हाल ही में घोषित की गई ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिग दरअसल वित्तीय वर्ष 2018-19 की है। इस रैंकिंग में दिखाई गई राज्यों की स्थिति मौजूदा साल या बीते वित्त वर्ष का नहीं बल्कि डेढ़ से दो साल पहले की है।
किसी भी राज्य की प्रगति को बढ़ाना हो अगर तो उस राज्य में इस रैंकिंग की सुधार होना जरुरी हो जाता है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि 1 अक्तूबर से राज्य में नई इंटरप्राइजेज एंड एम्पलॉयमेंट प्रोमोशन पॉलिसी लागू हो रही है जिसमें सभी आवश्यक बिंदु समाए हुए होंगे।
जिस प्रकार कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है ठीक उसी प्रकार उस साल रैंकिंग में हरियाणा निचे की ओर खिसका है। ईज आफ डूइंग बिजनेस की 2018-19 की रैंकिंग से ना केवल हरियाणा बल्कि कई राज्यों की रैंकिंग कम हो गई है। कुछ छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग बढ़ी है लेकिन उद्योगों के लिए जाने जाने वाले अधिकतर राज्यों की रैंकिंग घट गई है।
हरियाणा समेत और भी राज्यों की रैंकिंग में गिरावट आई है। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत राज्यों की रैंकिंग तैयार करने के लिए 2019 में नए मानकों के आधार पर सर्वे हुआ है। इस सर्वे में 25 से ज्यादा नए मानक शामिल किए गए थे, जबकि पहले से लागू कई मानक हटा दिए गए थे। इन महत्वपूर्ण बदलावों के चलते रैंकिंग में उलटफेर हुआ है।