फरीदाबाद के 26 गाँवों में खत्म होगा पंचायती राज, नगर निगम में होंगे शामिल

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हरियाणा प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए फरीदाबाद के 26 गाँवों में से पंचायतों को खत्म करने का फैसला लिया है। यह सभी गाँव अब नगर निगम में सम्मिलित कर दिए जाएंगे। इस संबंध में सरकार की तरफ से आदेश जारी किये गए हैं।

जानकारी के अनुसार खेरी गुजरान, सरूरपुर, समाईपुर, नगला जोगियान, सीकरी, निमका, बदौली, खेरी कलान, खेरी खुर्द और फरीदपुर समेत अन्य गांवों को नगर निगम में समाहित किया जाएगा। आपको बता दें कि फरीदाबाद क्षेत्र में बहुत सारे ग्राम ऐसे हैं जहाँ पर इस समय पंचायती राज है।

फरीदाबाद के 26 गाँवों में खत्म होगा पंचायती राज, नगर निगम में होंगे शामिल

सभी गाँव में पंचायत द्वारा निर्मित निर्देशों का पालन किया जाता है। ऐसे में ग्राम वासियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बहुत सारे गाँव वासियों को शिकायत रहती है कि पंचायती राज में उनकी परेशानियों को अनदेखा किया जा रहा है।

बहुत से गाँव ऐसे हैं जहां पंचायती राज के चलते विकास के निशान फीके पड़े नज़र आते हैं। इन सभी गाँव में विकास कार्य काफी मंद क़दमों से आगे बड़ रहा है। फरीदाबाद के कुछ ग्राम वासियों ने बात करने पर बताया कि उनके गाँव में पंचायत मुखिया की जगह पर उनके परिवार जन काम संभाल रहे है।

फरीदाबाद के 26 गाँवों में खत्म होगा पंचायती राज, नगर निगम में होंगे शामिल

क्षेत्र में कुछ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ सरपंच के अनपढ़ होने के कारण कार्यभार उनके बच्चों को संभालना पड़ता है। ऐसे में काम की आपूर्ति और देरी होना लाज्मी है। बहुत सारे गाँव वासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में सरकार के द्वारा उठाया गया यह कदम काफी सराहनीय है।

सरकार ने यह कदम फरीदाबाद क्षेत्र के गाँव वासियों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए उठाया है। सरकार द्वारा जारी किये गए इस फरमान से गाँव में हो रही परेशानियों से लोग निजात पा सकेंगे। जिस तरीके से गाँव सरपंच काम को पूरा करने में आनाकानी करते हैं यह फरमान उन सबको सीधा करने के लिए पारित किया गया है।

फरीदाबाद के 26 गाँवों में खत्म होगा पंचायती राज, नगर निगम में होंगे शामिल

फरीदाबाद की ग्राम आबादी का कहना है कि बहुत से सरपंच आंतरिक तौर पर गाँव के विकास के लिए आये पैसे में से झोल करते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि सरपंच गाँव के लिए मिले पैसों को निजी तौर पर इस्तेमाल किया करते हैं। ऐसे में देखना जरूरी होगा कि सरकार द्वारा लिए गए फैसले से ग्राम वासियों को फायदा होगा या नहीं।