- शैक्षिक दुनिया की विविध आयामों को लेकर ऑल इंडिया टेक्निकल मैनेजमेंट काउंसिल ने एक नई पहल वेबकास्ट सीरीज के रूप में शुरू किया है। लॉकडाउन के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है
- और जिसके कारण कई चुनौतियां भी सामने आई है। शिक्षा के क्षेत्र में लॉकडाउन के कारण उपजे स्थिति और चुनौतियों को समझने की इस सीरीज में बतौर वक्ता अजिंक्ये डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी पुणे के प्रो-चांसलर डॉ. एकनाथ बी खेडकर, देओगिरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट स्टडीज औरंगाबाद डॉ. उल्हास शिउर्कर, नैसकॉम फ्यूचर स्किल्स के श्रीदेवी सिरा और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के बलविंदर सोही मौजूद रहे।
- द जंप स्टार्ट के सहयोग से आयोजित इस वेबकास्ट का उद्देश्य समाज के लिए व्यक्तित्व विकास में शिक्षा की भूमिका और स्थायी विकास का एक प्राथमिक स्तर स्थापित करने की स्थिति पर चर्चा की गई। इस मौके पर वक्ताओं ने अपना दृष्टिकोण रखते हुए समाधान के बारे में बताया। द जंप स्टार्ट के सहसंस्थापक महेश अय्यर ने पूरे वेबीनार का संचालन किया।
डॉ. एकनाथ ने कहा कि डिजिटलाइजेशन कभी भी एक चुनौती नहीं थी। हम पहले से ही ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे थे। शुरुआती दौर में सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचना कठिन था लेकिन 10-15 दिनों के भीतर हमने इसे संभाल लिया।
डॉ. उल्हास शिउर्कर ने कहा कि हमने गूगल मीट के साथ शुरुआत की और फिर गूगल क्लासरूम पर व्याख्यान अपलोड करना शुरू किया। इससे विद्यार्थियों को फायदा हुआ।
श्रीदेवी सिरा ने कहा कि प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान के लिए प्रौद्योगिकी लाभदायर है
और लॉकडाउन के दौरान इसका लाभ मिला है। इसमें शिक्षकों की भूमिका भी सराहनीय है।चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के बलविंदर सोही ने कहा कि विश्वविद्यालय ने ब्लैकबोर्ड नामक एक मंच स्थापित किया, जिसमें छात्रों को सभी विषयों के लेक्चर अपलोड किए जाते थे।
छात्रों के लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ भी स्थापित किया और छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाने के लिए अपने फैकल्टी के साथ व्यापक परामर्श कर काम किया। जिसका सार्थक परिणाम आया।
AITMC के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रीत संधू सिहाग ने अंत में कहा कि इस वेबकास्ट सीरीज के जरिये युवाओं को लॉकडाउन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करना है।