कोरोना वायरस ने सरकारी समेत गैरसरकारी सभी कंपनियों को बहुत आर्थिक नुक्सान पहुंचाया है। प्रदेश में आम बसें तो चल ही रही हैं, लेकिन अब राेडवेज वोल्वो बसों को 16 सितंबर से एक बार फिर चलाने की तैयारी कर रहा है। दिल्ली से एनओसी के लिए वहां के परिवहन मंत्री से बातचीत की जा रही है। बताया जा रहा है कि अगर किसी कारण दिल्ली सरकार एनओसी नहीं देती है तो ट्रायल के तौर पर गुड़गांव से चंडीगढ़ के सेक्टर-17 तक वोल्वो बसें चलाई जाएंगी।
महामारी कोरोना ने जिस प्रकार सबकुछ बदल के रख दिया है उस हिसाब से बसों में यात्री भी कम आ रहे हैं। वोवलो बसें कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के रास्ते पहुंचेंगी।
गत दिनों की ख़बरों को देखें तो हरियाणा सरकार को रोडवेज में बड़ा नुक्सान हुआ है। कोरोना महामारी के कारण चंडीगढ़ प्रशासन ने हरियाणा की बसों की चंडीगढ़ में एंट्री पर रोक लगा दी थी। इसलिए सभी जिलों से बसें पंचकूला तक आ रही हैं। चंडीगढ़ आने वाले यात्रियों को जिरकपुर या फिर पंचकूला उतरना पड़ता था। अब 16 सितंबर से बसों को चंडीगढ़ के सेक्टर-17 बस स्टैंड तक आने की अनुमति दी गई है।
सभी रूटों पर किराया क्या होगा इसकी चर्चा अभी चल रही है। पहचान फरीदाबाद आपको बता देगा जैसे ही कोई जानकारी आएगी। प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा जल्द ही पड़ोसी राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे ताकि हरियाणा रोडवेज की बसें हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब में भी जा सकें। राजस्थान, उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ ने बसें चलाने की अनुमति दे दी है। परिवहन मंत्री ने कहा कि 5 अक्टूबर के बाद बसों में ई-टिकटिंग की व्यवस्था शुरू की जाएगी। जल्द ही इसके टेंडर होंगे।