इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि किसान शांतिपूर्वक अपना प्रर्दशन करने आए थे न कि कोई हिंसा करने आए थे। सरकार द्वारा किसानों,आड़तियों एवं मजदूरों को प्रर्दशन करने से रोकना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
सरकार पहले से ही किसानों को आर्थिक रूप से बर्बाद करने पर तुली है और अब लाठीचार्ज करके शारीरिक यातनाएं दे रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार का ये तानाशाही रवैया बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय है। अगर सरकार ने किसान विरोधी अध्यादेश वापिस नहीं लिए तो इनेलो हजारों किसानों के साथ सड़को पर उतरेगी।
इनेलो नेता ने कहा कि केन्द्र्र की सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि अध्यादेश किसानों के खिलाफ हैं। 5 जून 2020 को यह अध्यादेश लागू किए गए थे जो कि किसानों के लिए इतिहास का काला दिन था। हमारी पार्टी नें खुल कर इन अध्यादेशों का विरोध किया है और इनके खिलाफ 19 जूलाई को पार्टी की प्रदेश कार्यकारीणी में प्रस्ताव भी पास किया था। विधान सभा में इन अध्यादेशों पर बहस करने के लिए 17 अगस्त को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी दिया था लेकिन इस पर सरकार की पोल न खुल जाए इसलिए इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को रद्द कर दिया था।
इनेलो नेता ने केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि अध्यादेशों को किसानों का डैथ वारंट बताते हुए कहा कि इन अध्यादेशों से किसान बुरी तरह प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि इन अध्यादेशों के अनुसार फसल की एमएसपी खत्म हो जाएगी, सरकार मंडियों में फसल नहीं खरीदेगी जिससे बड़ी-बड़ी कपंनियां मनमाने दामों पर किसानों की फसल खरीदेगी। आखिरकार किसान अपनी जमीन बेचने पर मजबूर हो जाएगा और अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर रह जाएगा।