इंग्लिश में एक कहावत है ” इस वेल्थ इज लॉस्ट नथिंग इस लॉस्ट, एंड इफ हेल्थ इस लॉस्ट समथिंग इस लॉस्ट। बीमारी कोई भी हो उससे बचना बेहद आवश्यक है। और अगर बात करें साल 2020 की तो इस साल एक ऐसी बीमारी आई जिसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया। जी हां हम बात कर रहे हैं कोरोना की जिसने जिंदगी की रफ्तार को भी धीमा कर दिया।
लेकिन अब कोरोना के साथ अन्य बीमारी भी लोगों को होने लगी है। जिससे कोरोनावायरस के बढ़ने का खतरा और भी ज्यादा हो रहा है। क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि बीमार शरीर को कोरोनावायरस जल्दी पकड़ता है। इसलिए स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
कुरौना के अलावा अन्य बीमारियां जैसे टीवी, डायबिटीज आदि से बचाव के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं।और इसका खास ख्याल रखा जा रहा है।आपको बता दें कि जिले की नौ टीवी होने दो में 1 जनवरी से 10 सितंबर तक आई टी वी यूनिटों के मामलों का अलग-अलग विवरण तैयार कर लिया गया है ।
कोरोनावायरस के कई लक्षण एक समान होने के कारण स्वास्थ्य विभाग टीवी के मरीजों के इलाज और अन्य जांच को गंभीरता से ले रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह दोनों बीमारियां उन मरीजों के लिए अधिक जोखिम वाली साबित हो सकती हैं, जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है।
अक्सर देखा गया है कि कोरोनावायरस और टीवी के एक ही समान लक्षण होते हैं। बुखार ,खांसी,वजन घटाना,और कमजोरी होना दोनों बीमारियों के मुख्य लक्षण है। टीवी होने पर मरीज को रात को पसीना आता है मगर पुराना होने पर ऐसा नहीं होता।
जिला टीवी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ शीला भगत का कहना है कि पुराना संकट को देखते हुए अब टीवी के नए संदिग्ध मामलों के साथ पुराने मरीजों की स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी इनको मशीन टीवी मरीजों का इलाज चल रहा है उन्हें पहले से ही हर महीने पौष्टिक आहार के लिए ₹500 राशि प्रदान की जा रही है हमारा मास्टर टीवी मुक्त भारत अभियान के तहत नागरिकों को जागरूक करना भी है।