बाज नहीं आ रहे ऑटो चालक, सामाजिक दूरी के नियमों की कर रहे हैं अवहेलना

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पूरे विश्व में लोग महामारी के प्रकोप से बचने के लिए सामाजिक दूरी का रास्ता अपना रहे हैं। वहीं फरीदाबाद में ऑटो चालकों ने मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा राखी हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों में यह साफ तौर से चिन्हित किया गया था कि एक मीटर की दूरी का दायरा बनाना जरूरी है।

अनलॉक प्रक्रिया के शुरू होने के साथ ही सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की थी। इन निर्देशों में साफ तौर से बताया गया था कि सार्वजनिक वाहन में भी एक हाथ की दूरी बनाना अनिवार्य होगा। साथ ही साथ मास्क ना पहनने वाली जनता और चालकों का चालान काटने की भी बात की गई थी।

बाज नहीं आ रहे ऑटो चालक, सामाजिक दूरी के नियमों की कर रहे हैं अवहेलना

पर इतने दिशा निर्देश लागू करने के बाद भी ऑटो चालक ज्यों की त्यों स्थिति में नज़र आ रहे हैं। शहर की सड़कों पर चलने वाले ऑटो में इन दिनों खचाखच सवारियां भरी जा रही हैं। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो सफर करने के दौरान मास्क नहीं लगाते।

स्वयं ऑटो वाले भी न खुद मास्क का प्रयोग करते हैं न अपने ऑटो में बैठने वाली सवारियों को मास्क लगाने के लिए टोकते हैं। बाइपास रोड पर चलने वाले तकरीबन हर ऑटो चालक का यही हाल है। जैसे ही ऑटो चालक पुलिस को नाके पर खड़ा देखते हैं वो चालान कटने के डर से मास्क लगा लेते हैं। साथ ही साथ सवारियों को भी मास्क लगाने का इशारा कर देते हैं।

बाज नहीं आ रहे ऑटो चालक, सामाजिक दूरी के नियमों की कर रहे हैं अवहेलना

नाका पार करते ही चालक व यात्री दोबारा से मास्क हटा देते हैं। टोकने पर सवारियों ने बताया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है ऐसे में मास्क लगाना उन्हें मुनासिब नहीं लगता। आपको बता दें कि एक ऑटो में जहां 6 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद की बाइपास सड़क पर ऑटो चालक 7 से 8 सवारी बिठाकर ऑटो चलाया करते हैं।

बाज नहीं आ रहे ऑटो चालक, सामाजिक दूरी के नियमों की कर रहे हैं अवहेलना

कायदे से सामाजिक दूरी का पालन किया जाए तो एक ऑटो में महज़ 4 यात्रियों को बैठना चाहिए। पर फरीदाबाद में ऑटो चालकों और जनता की हरकतों को देख कर सामजिक दूरी शब्द महज़ एक जुमला सुनाई पड़ता है।