अभिनेत्री कंगना रनौत और उद्धव सरकार के बीच तनातनी को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने किया कंगना का समर्थन, दरअसल इन दिनों कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच जो कुछ भी चल रहा है, वो सब जगज़ाहिर है। ऐसा नहीं है कि कंगना किसी मामले को लेकर पहली बार मुखर हुई हैं। कंगना हमेशा से ही अपने इसी बोल्ड अंदाज़ के लिए जानी जाती रही हैं।
अब चाहे लाइफ रील वाली हो या फिर रियल वाली। जबसे सुशांत सिंह राजपूत की हत्या का मामला सामने आया है तबसे लेकर आज तक लगातार कंगना मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को जमकर घेरती आई है। और इस बीच हमेशा कंगना को बीजेपी और बीजेपी के मुख्य घटक रहने वाली पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है, और ये मुलाकात कंगना के फेवर में की गई है।
बतादें कि रामदास आठवले ने अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से ये मुलाकात की है और इस मुलाकात में रामदास ने कंगना के लिए मुआवजे की मांग की है। बतादें कि रामदास आठवले ने कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को बिल्कुल गलत ठहराते हुए राज्यपाल से मुलाकात की है।
साथ ही कंगना के ऑफिस में जितना भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए मुआवज़े की भी मांग की गई है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद रामदास आठवले ने कहा कि कंगना रनौत के दफ्तर को गिराए जाने के मामले में मैंने राज्यपाल से मुलाकात की और मांग की कि मुआवजा मिलना चाहिए। बीएमसी की कार्रवाई गलत थी। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के चीफ रामदास आठवले ने कंगना से उनके आवास पर करीब 1 घंटे तक मुलाकात की थी।
आठवले ने कंगना को सुरक्षा का वादा करते हुए कहा था कि अगर वह राजनीति में आना चाहती हैं तो बीजेपी और आरपीआई पार्टी उनका स्वागत करेगी। लेकिन इस मुलाकात के बाद रामदास की तरफ से मीडिया में बताया गया कि कंगना ने उनसे कहा है कि उनकी दिलचस्पी राजनीति में बिल्कुल भी नहीं है बल्कि समाज में रहकर काम करने में है। समाज में रहकर सभी को एकसमान समझने के लिए वो अक्सर काम करती हैं और आगे भी करती रहेंगी।
अब ऐसे में देखना ये होगा कि जो अटकले लगातार लगाई जा रही हैं कि कंगना राजनीति में आ सकती हैं या फिर बीजेपी का दामन थाम सकती हैं। फिलहाल तो इस तरह की खबरों पर पूर्ण विराम लग चुका है, लेकिन फिर भी कंगना को बीजेपी और एनडीए के सभी घटकों का साथ ज़रूर मिल रहा है। खैर अब देखना ये होगा कि क्या राज्यपाल की तरफ से कंगना के लिए किसी मुआवज़े का औपचारिक ऐलान हो पाता है या नहीं और आगे चलकर कंगना का रास्ता क्या होगा ये भी बहुत बड़ी बात होगी।
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