BMC पर कार्रवाई का दांव सरकार पर पड़ेगा उल्टा

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    शिवसेना के मुख्यपत्र ने दांव तो दिखा दिया लेकिन सत्ता धारी पार्टी को जल्द समझ में आ गया कि मामला उलटा पड़ रहा है इसलिए संजय राउत के शुर भी बदल गए। संजय राउत की ये टोन कंगना की पहली जीत है लेकिन अपने दफ्तर की टूटी हुई ईंटों की देखकर बिना मास्क में कंगना किसी को बकसने के मूड में नहीं है।

    कंगना को पता कि सिहासन पर भले ही उद्धव की ताजपोशी है लेकिन इस सरकार की चाबी शरद पवार के पास है। इसलिए कंचना ने शरद पवार को लपेटते हुए ट्वीट किया ‘यह सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरी इमारत के लिए था और यह मेरा मुद्दा नहीं है, एक इमारत का मुद्दा है, जिसके लिए बिल्डर को पकड़ना होगा और यह इमारत शरद पवार की है।

    BMC पर कार्रवाई का दांव सरकार पर पड़ेगा उल्टा

    हमने फ्लैट उनके पार्टनर से खरीदा है, इसलिए वह जवाबदेह है।’ दरअसल शरद पवार पुराने नेता है जब उनसे कंगना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कंगना के बयान को हल्का करके टाल दिया।
    शरद पवार ने भले ही सवाल को टाल दिया हो लेकिन सवाल ठाकरे परिवार और उऩके मातोश्री की साख का है जो बाला साहेब के बाद कमजोर हुई है।

    BMC पर कार्रवाई का दांव सरकार पर पड़ेगा उल्टा

    अब इसकी आंच सारा सरकार पर आ रही है। इसलिए अखाड़ी के आगुआ शरद पवार ने कोशिश तो बहुत की लेकिन पीस कीपिंग अफ्रेड काम नहीं आया। जी हां शरद पवार ने पहले कंगना पर की गई कार्रवाई को गैरकानूनी बताया। पवार के मुताबिक इससे कंगना को पब्लिसिटी मिली है। जिसके बाद पवार उद्धव और राउत के साथ मीटिंग हुई।

    पवार ने सलाह दी कि केंद्र से सुरक्षा मिलने के बाद कंगना को छेड़ना ठीक नहीं है। मुंबई पर कंगना का बयान उसी पर नुकसान पहुंचाते है। BMC पर कार्रवाई का दांव सरकार पर उलटा पड़ेगा लेकिन शरद पवार की सलाह का उद्धव पर कोई असर नहीं हुआ।

    BMC पर कार्रवाई का दांव सरकार पर पड़ेगा उल्टा

    उद्धव ने साफ कर दिया कि शिवसेना के समर्थकों के सामने वो कमजोर नहीं दिखना चाहते। शिवसेना का वोटर उनसे ऐसे ही एक्शन की उम्मीद करता है। उद्धव कंगना के तू तड़ाक वाले बयान से आक्रोश में थे। उन्होंने ये भी शिकायत की थी कि गठबंधन सहयोगी उनके साथ नहीं दिख रहे है। कंगना औऱ सरकार के बीच महाराष्ट्र का सियासी पारा इस वक्त गरम है।

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    NCP ने मरहम तो लगा दिया लेकिन उद्धव की शिकायत अब दिल्ली तक पहुंच गई थी कांग्रेस ने अपने नेताओं को फरमान दिया है कि सोचसमझ कर बोले या फिर खामोश रहे। शिवसेना NCP और कांग्रेस को कंगना ने बौकफुट पर धकेल दिया है। दफ्तर के इन टूटी हुई ईंटों को कंगना हथियार बनाने के मूड में है।