हरियाणा सरकार ने प्रदेश में बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारने और मॉडरेट एक्यूट मॉलन्यूट्रीशन (एमएएम) एवं सीवियर एक्यूट मॉलन्यूट्रीशन (एसएएम) बच्चों की पहचान करने के लिए सितंबर, 2020 को राष्टï्रीय पोषण माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं, कन्याओं और बच्चों में सही पोषण, संतुलित आहार और प्रोटीन, कैलोरी से भरपूर खाद्य के बारे में जागरूता उत्पन्न कर के कुपोषण को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पोषण माह मनाने के दौरान महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने और हाथों को बार-बार साबुन से धोने जैसे उपायों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सभी जिला कार्यक्रमों अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राष्ट्रीय पोषण माह के विषय पर विशेष ध्यान देते हुए इस माह को उचित रूप से मनाया जाए। इस पूरे माह में चलने वाले कार्यक्रमों के लिए एक कैलेंडर भी जारी किया गया है, जिसमें एसएएम एवं एमएएम बच्चों की पहचान एवं उनके स्वास्थ्य की जांच करना, ऐसे बच्चों के आहार बारे जागरूकता उत्पन्न करने के लिए उनकी माताओं से बैठकें आयोजित करना, अन्नप्राशन दिवस एवं स्तनपान पर बल देते हुए समुदाय आधारित कार्यक्रम आयोजित करना, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं किशोरियों की बैठकें आयोजित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इस माह के दौरान पोषाहार पर विशेष ध्यान देते हुए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस भी मनाया जाएगा, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों तथा गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं की विशेष स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एसएएम बच्चों के स्वास्थ्य के सुधार बारे जागरूकता उत्पन्न करने के लिए अलग-अलग समय पर पांच से सात महिलाओं के छोटे-छोटे समूहों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि उन्हें कुपोषण के लक्षणों, एसएएम बच्चों के आहार, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि के बारे जानकारी दी जा सके। ऐसे बच्चों का वजन एवं कद भी मापा जाएगा।
उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान लोगों को किचन गार्डन विकसित करने बारे भी जागरूक किया जाएगा ताकि उन्हें रोजमर्रा की जरूरत की हरी सब्जियां घर पर ही मिल सकें। इसके अलावा, ‘पोषण के लिए पौधे’ कार्यक्रम के तहत आयुष विभाग द्वारा लोगों को औषधीय पोधों के लाभ एवं महत्व के बारे जानकारी देने के लिए स्पेशल टॉक का आयोजन किया जाएगा और पोषण वाटिका के बारे जागरूकता उत्पन्न की जाएगी। इस माह के दौरान आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं महिलाओं के लिए व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा और आंगनवाड़ी वर्कर्स द्वारा घर-घर जाकर महिलाओं को भोजन में लौह, विटामिन-ए, जिंक, आयोडीन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने बारे जानकारी दी जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि महिलाओं एवं बच्चों के पोषण स्तर को बढ़ावा देने के लिए नुक्कड़ नाटकों, लोक गायन एवं रागिनी आदि का आयोजन भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक स्थलों एवं सामुदायिक भवनों पर होडिंग्ज एवं बैनर भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 30 सितम्बर,2020 को पोषण माह का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। आंगनवाड़ी वर्कर्स द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पोषण स्तर की रिपोर्ट तैयार की जाएगी और खंड स्तर पर रिपोर्ट का संकलन किया जाएगा। इसके अलावा, छायाचित्रों के साथ किचन गार्डनिंग की रिपोर्ट भी पे्रषित की जाएगी। ग्राम, खंड एवं जिला स्तर पर शपथ समारोह एवं पोषण एंथम का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पोषण माह के दौरान आयोजित की गई विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए पोषण पचंायत/ग्राम पंचायत/ खंड पंचायत एवं जिला पंचायत की विशेष बैठक आयोजित की जाएगी।