कोरोना वायरस के कारण लागू हुए लॉकडाउन में शिक्षण संस्थानों को 12 मार्च से ही बंद कर दिया गया था। जिसे अभी तक खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। ऐसे में अब स्कूल प्रबंधन जहां पहले पिछले 4 महीनों से ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए विद्यार्थियों को शिक्षक और शिक्षा से बांधे हुए थे।
वहीं अब ओड इवन की तर्ज पर स्कूल खोलने के लिए विद्यार्थियों सहित अभिभावकों से भी राय ली जा रही है।
ऐसे में 10वीं व 12वीं के बच्चाें के भविष्य काे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूलाें काे खाेलने के निर्देश दिए हैं। लेकिन स्कूल संचालक सबसे पहले अभिभावकाें व बच्चाें की स्कूल आने काे लेकर इच्छा जानना चाहते हैं।
ऐसे में स्कूलाें की तरफ से पेरेंट्स के लिए कंसर्न फाॅर्म भी भेजे जा रहे हैं जिसमें अभिभावकाें की राय मांगी गई है। वैसे तो स्कूलाें ने बच्चाें की सेहत की सुरक्षा के लिए अपने पुख्ता प्रबंध करने शुरू कर दिए हैं। सेनिटाइजेशन से लेकर साेशल डिस्टेंसिंग तक के प्रबंध किए जा रहे हैं।
स्कूल में एंट्री और एग्जिट पर होगा फिजिकली डिस्टेंस का ख्याल
स्कूल खुलने के बाद एक कक्षा में 12 बच्चाें काे ही बिठाया जाएगा। बच्चाें की क्लास ऑड-इवन दिनाें के हिसाब से लगेगी, यानि एक दिन छाेड़कर। स्कूल की एंट्री पर फिजिकली डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा।
सभी काेरिडाेर में पैडल सेनिटाइजर, वाॅटर टैप व बाथरूम में सेंसर वाले टैप लगवाए जा रहे हैं। टीचर्स व बच्चाें के परिवार की हिस्ट्री नाेट की जाएगी। अभी सिर्फ स्टडी पर ध्यान दिया जाएगा किसी भी तरह की अन्य गतिविधियां नहीं कराई जाएंगी। इसके साथ बच्चाें काे याेग जरूर करवाया जाएगा।
बोर्डिंग स्कूल के छात्रों को अभी नहीं बुलाया जाएगा
स्कूल के चेयरमैन ने बताया कि पेरेंट्स की राय मांगी जा रही है। बच्चाें के स्कूल के अंदर आने व बाहर जाने वाले रास्ताें काे अलग-अलग किया गया है। बच्चाें काे अलग-अलग बिठाने की व्यवस्था की जा रही है।
बाॅर्डिंग के बच्चाें काे अभी नहीं बुलाया जाएगा। बच्चाें के लिए अलग-अलग बाथरूम की व्यवस्था की जाएगी। स्कूल में सेनिटाइजेशन करवाई जा रही है।
बच्चाें काे डाउट क्लियर के लिए बुलाया जाएगा स्कूल
इसी के चलते स्टूडेंट्स के अभिभावकों से फाॅर्म भरवाया जा रहा है। जिसमें पेरेंट्स की राय जानी जाएगी। वहीं अभी कुछ बच्चाें काे डाउट क्लियर के लिए बुलाया जाएगा। एंट्री व एग्जिट के अलग-अलग गेट लगाए जाएंगे।
साेशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट की दूरी का ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही माइंड ट्री, आईपीएस, सीसी काॅन्वेंट ऑफ सेकर्ड हार्ट आदि स्कूलाें में बच्चाें व अभिभावकाें की राय काे जानने के बाद निर्णय लिए जाएंगे।