चुटकी में फैसले लेने में माहिर है गृह मंत्री अनिल विज ,जाने किसको कहा तुमने देर कर दी

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हरियाणा : कोविड-19 के दौरान सुबह में हुए होमगार्ड की भर्ती चर्चा का विषय बनी रही और वही कई तरीके के सवाल भी उठाये जा रहे है जिसके बाद पूरे मामले में अपना पक्ष रखने के लिए डीजी होमगार्ड प्रभात रंजन देव सूबे के गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात करने पहुंचे।

इसी महीने रंजन देव सेवानिवृत्त होने को है इसलिए वह नहीं चाहते कि उनके रिटायरमेंट के वक्त किसी तरह की कोई अड़चन या विवाद उनके रिटायरमेंट में बखेड़ा बन जाए।

चुटकी में फैसले लेने में माहिर है गृह मंत्री अनिल विज ,जाने किसको कहा तुमने देर कर दी
गृहमंत्री अनिल विज

गत कईं दिनों से गृहमंत्री अनिल विज से मिलकर अपना पक्ष रखने की तैयारी में जुटे देव की मुलाकात बीती शाम शुक्रवार को हरियाणा सचिवालय में हुई। पूरे मामले में डीजी होमगार्ड ने भी अपना पक्ष रखा

इस विभाग में तैनाती से लेकर अब तक की सारी जानकारी गृहमंत्री विज के सामने रखने पहुंचे। शुक्रवार की देर शाम को विज ने होमगार्ड्स के पंजीकरण और बाकी बातों को लेकर ब्योरा लिया।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

वहीं अनिल विज ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने आने में देरी की है अब क्योंकि वह पूरे मामले में विजिलेंस हरियाणा डीजी को जांच का आदेश कर चुके हैं, इसीलिए उन आदेशों को किसी भी सूरत में वापस नहीं लेंगे, विज ने साफ कर दिया है कि करप्शन के मामले में शामिल किसी भी जिले का कमांडेट हो या फिर निचले ऊपर स्तर का अफसर बख्शा नहीं जाएगा।

गृहमंत्री ने साफ कर दिया है कि अब पूरे मामले में विजिलेंस को जिन लोगों की जरूरत होगी, उनको जांच में शामिल किया जाएगा। वहीं अफसरशाही में खींचतान भी बखेड़ा के पीछे का कारण कुछ जिलों में होमगार्ड्स के पंजीकरण और उनको रखे जाने के मामले को एक एजेंडे के तहत उठाने के पूरे मामले को पुलिस के चंद अफसरों के बीच में चल रहीं खींचतान को लेकर भी देखा जा रहा है।

जिसके कारण सितंबर में रिटायर होने जा रहे पीआर देव भी निशाने पर बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लंबे अर्से तक शत्रुघ्न सिन्हा और कुछ अन्य नेताओं के साथ में काम करने वाले देव की कुछ पुलिस अफसरों से पटरी नहीं बैठती।

यह चैलेंज जिस समय डीजीपी पद पर वर्तमान डीजी की ताजपोशी हुई, उसको लेकर भी देव ने मेरिट डी मेरिट को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बताते हैं कि उस विवाद के कारण भी उनकी कुछ अफसरों से ठनी हुई है। होमगार्ड मामले को भी हवा देने के लिए भी कुछ लोगों को विधिवत तैयारी की गई थी। कुछ समय के लिए पंजीकरण पर लगी थी रोक यहां पर उल्लेखनीय है कि 2016 में लगी अस्थायी रोक, प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका।

इस बाबत डीजी होमगार्ड आफिस की ओर से पुराने समय से लेकर अभी तक का ब्योरा जारी किया गया था। नवंबर, 2016 में कुछ समय के लिए पंजीकरण पर (एनरोलमेंट) अस्थायी तौर पर रोक लगाई थी।

पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और मेरिट आधार पर बनाने के लिए तत्कालीन कमांडेंट जनरल के. सेल्वराज ने सरकार को मेरिट आधार पर आनलाइन (पंजीकरण) एनरोलमेंट करने के लिए नवंबर, 2016 में प्रस्ताव दिया था। लेकिन सभी जिला कमांडेंट्स को 3 नवंबर, 2016 को पत्र लिखकर अगले आदेश तक एनरोलमेंट नहीं करने के लिए कहा था।

उस समय तत्कालीन सरकार और आला अफसरों ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसलिए जब भी जिला कमांडेंट से नई एनरोलमेंट के लिए कमांडेंट जनरल से अनुमति मांगी जाती, उन्हें यह अनुमति दी जाती रही। के सेल्वराज ने स्वयं 3 नवंबर, 2016 के पत्र जारी कने के बाद 6 मार्च, 2017 और 20 अप्रैल, 2017 को पंचकूला जिला कमांडेंट को नई एनरोलमेंट करने की करने की अनुमति भी प्रदान की थी। उनका कार्यकाल 4 जुलाई, 2016 से 27 अप्रैल, 2017 तक था