गुरुग्राम : कोरोना ने इतना कुछ बदला की कुछ भी कहना मुश्किल है कोर्ट से सजा सुनने या न्यायिक हिरासत में भेजे जाने वाले कैदी आजकल मॉडर्न जेल भोंडसी में नहा-धोकर प्रवेश कर रहे हैं। यह वाक्या सुनने में जरूर अजीब लगता हो पर यह सत्य इनके प्रवेश के बाद डॉ द्वारा इनकी जाँच भी की गई।
तथा मेडिकल हिस्ट्री और यात्रा से संबंधित सवाल भी पूछे जाते हैं, फिर उन्हें विटामिन सी की गोलियां और काढ़ा पिलाया जाता है। यह तस्वीर कोरोना संक्रमण काल में उपजी हुई स्थिति के बाद बदली है।
14 दिन के लिए किया जाता है क्वारंटीन
कैदियों को ठूंस-ठूंसकर रखने वाले नियम बदल गया है। अब दो फीट की दूरी के साथ बैरक में कैदियों को रखा जा रहा है और साफ-सफाई की खास व्यवस्था की गई है। शौचालय में साबुन रखने के साथ सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी मौजूद है।
कोर्ट से अपराधी घोषित और न्यायिक हिरासत में भेजे गए कैदियों के लिए विशेष इंतजाम किया गया है। भोंडसी जेल में रखने से पहले इनका कोरोना टेस्ट करवाकर फरीदाबाद स्थित विशेष जेल में 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाता है।
वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी रखी जाती है। क्वारंटीन समय पूरा होने के बाद उन्हें भोंडसी जेल में बनाए गए विशेष बैरक में 3-4 दिन तक रखा जाता है। फिर नहलाकर कैदियों को साधारण बैरक में भेजा जाता है।
महिला वार्ड क्वारंटीन वार्ड में तब्दील
मौजूदा हालात को देखते हुए जेल में स्थित महिला वार्ड को क्वारंटीन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। पेशी, मेडिकल पर जाने वाले कैदियों को वापस आने पर मेडिकल टेस्ट के बाद यहां बने आठ बैरक में तीन से चार दिनों तक रखा जाता है। इसके बाद उन्हें डॉक्टरी रिपोर्ट के बाद साधारण बैरक में भेजा जाता है।
भोंडसी जेल के जेल अधीक्षक हरेंद्र सिंह ने बताया कि जेल में आने वाले कैदियों का जीवन भी अमूल्य है। जो कैदी यहां आते है उनके जीवन में सुधार करना परम उद्देश्य होता है। इस कोरोना संकट से कैदियों को बचाने के लिए तमाम उपाय किए गए हैं। गृह मंत्रालय के आदेशों का भी पूरी तरह पालन किया जा रहा है।