अधिकारियों द्वारा समाप्त हुई कैमरे लगाने की तैयारी, एनएचएआई की अनुमति अभी भी बना हुआ है रोड़ा

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करीब 2 माह पहले स्मार्ट सिटी परियोजना की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर गरिमा मित्तल की ओर से एनएचएआई को पत्र लिखा जा चुका था, लेकिन अभी भी इस संबंध में कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है।

वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अनुमति का इंतजार है। इंतजार के बीच स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों ने भी कैमरे लगाने की तैयारी में कमर कस ली है।एक तरफ इंतजार की राहों में अनुमति रोड़ा बनी हुई है

अधिकारियों द्वारा समाप्त हुई कैमरे लगाने की तैयारी, एनएचएआई की अनुमति अभी भी बना हुआ है रोड़ा
प्रतीकात्मक तस्वीर

वहीं तैयारियां भी खत्म होने की कगार पर हैं।बताते चलें कि बदरपुर बॉर्डर से सीखे तक राजमार्ग को चैलेंज किया जा चुका है परंतु अभी भी अनुमति के अभाव के कारण किसी भी चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जा सकते हैं।

अब एनएचएआइ की अनुमति मिलने के बाद प्रत्येक चौराहे पर 4 से 6 कैमरे लगेंगे। कैमरे लगाने का खास उद्देश्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों और अपराध कर भागने वाले बदमाशों पर नजर रखकर उन्हें काबू करना है। इसका अर्थ है जहां अब स्मार्ट सिटी में लोगों को स्मार्ट सिटी के मिलेंगे इसके अलावा चौक चौराहे भी कैमरो से अटे वह जल्द ही देखे जा सकेंगे।

वहीं बारिश के दौरान जलभराव और इससे लगने वाले जाम की जानकारी भी कंट्रोल रूम में होगी। यहां लगने वाले सभी कैमरों की निगरानी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगी। कमांड सेंटर में ही यातायात पुलिसकर्मी भी बैठते हैं।

अधिकारियों द्वारा समाप्त हुई कैमरे लगाने की तैयारी, एनएचएआई की अनुमति अभी भी बना हुआ है रोड़ा
सीईओ स्मार्ट सिटी फरीदाबाद गरिमा मित्तल

इससे जो वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, उसके घर चालान भेजे जा रहे हैं। कैमरे लगने से कहीं ना कहीं अपराध और अपराधियों पर भी नकेल कसने में आसानी हो सकेगी।

इस विषय में स्मार्ट सिटी परियोजना की मुख्य कार्यकारी डॉ गरिमा मित्तल ने कहा कि इस सप्ताह एनएचएआइ अधिकारियों के साथ बैठक होने की उम्मीद है। अनुमति मिलने के बाद सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।