इनेलो प्रधान महासचिव एवं विधायक चौधरी अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को एक पे्रसवार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री द्वारा दिया गया बयान कि लाठीचार्ज नहीं हुआ, बेहद निंदनीय है। उन्हें इस बयान के लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खुद एक 85 साल के बुजुर्ग से मिलकर आए हैं जिनको लाठियों से पीटा गया जिसमें उनका पैर टूट गया। उस गांव के करीब दस और भी लोग हैं जिनको लाठियों से पीटा गया।
उन्होंने कहा कि किसान कभी भी ऐसे आंदोलन का हिस्सा नहीं बनता जहां उसे अपना घर और खेत छोडऩा पड़े। किसान तभी आंदोलन करता है जब सरकार किसान के आगे बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर दे इसलिए किसान अपना घर-बार, खेत सबकुछ छोडक़र अपनी बात कहने आया था। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के कोरोनाग्रस्त होने के बाद प्रदेश की कमान उप-मुख्यमंत्री के पास थी तो इससे ज्यादा सरकार की भद्द क्या पिटेगी। फिर तो जांच की मांग करने की बजाय जिसके हाथ में कमान थी, उसे जांच के आदेश देने चाहिए थे।
इनेलो नेता ने कहा कि प्रदेश में कोई सरकार नहीं है, यहां तो अंधेर नगरी चौपट राजा है। प्रदेश का उप-मुख्यमंत्री कहता है कि लाठीचार्ज की जांच होनी चाहिए। जांच की मांग तो विपक्ष के लोग और किसान संगठन कर रहे हैं कि जो दोषी हैं, जिन्होंने लाठियां बरसाई हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और जिनको चोटें लगी हैं तथा उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापिस लेना चाहिए लेकिन यह पहली दफा ड्रामा हो रहा है कि सत्ता में बैठे लोग कह रहे हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए।
अगर उनके कहने से जांच नहीं होगी तो क्या वो सत्ता छोड़ देंगे? ये ऊंगली कटाकर शहीद होने वालों की पंक्ति में आना चाहते हैं। ये सत्ता में बैठे वो लोग हैं जिन्होंने लगातार किसानों को लूटने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। जब किसान को धान में लूटा जा रहा था, गेहूं में लूटा जा रहा था, चने और सरसों में लूटा जा रहा था तो वो महकमा किसका था? ये लोग नरमे और कपास की खेती खराब हो गई उसके मुआवजे की मांग नहीं करते।
उसके लिए सरकार पर दबाव नहीं बनाते कि किसानों को मुआवजा दिया जाए। शराब के घोटाले समेत इन्होंने इतने घोटाले कर दिए कि जांच तो उनकी होनी चाहिए जो इस मंत्री के महकमे में घोटाले हुए हैं। हम ये मांग करते हैं कि जहां इस लाठीचार्ज की जांच हो वहीं मंत्री के भी सभी विभागों में हुए घोटालों की जांच होनी चाहिए।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा बनाई गई तीन मेंबरों की कमेटी पर सवाल उठाते हुए इनेलो नेता ने कहा कि ये बात स्पष्ट नहीं है कि वो कमेटी सरकार की है या पार्टी की है। अगर कमेटी पार्टी की है तब तो ठीक है।
लेकिन अगर कमेटी सरकार की है तो फिर धनखड़ का भी बहुत बड़ा दखल सरकार में है तो फिर मुख्यमंत्री का प्रदेश में क्या काम रह गया? प्रदेश को मुख्यमंत्री की जरूरत ही नहीं है।बरोदा उपचुनाव पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि एक बात तय है कि भाजपा और जयचंदों के उम्मीदवार की जमानत जब्त होगी। जब ये लोग वोट मांगने जाएंगे तो इनको जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा। किसान चुप करके बैठने वाली कोम नहीं है। अगर कोई किसानों पर अत्याचार करेगा तो उसे उसका जवाब देना आता है। बरोदा के लोग बहादुर हैं, कमजोर नहीं हैं।