बांके बिहारी का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। बांके बिहारी भारत में एक नाम ही नहीं बल्कि एक भरोसा हैं श्रद्धा है। यहां भूकंप के झटके भी बांके बिहारी मंदिर को हिला नहीं सकेंगे। आईआईटी दिल्ली और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की संयुक्त निगरानी में सिविल इंजीनियर वृंदावन के इस विश्व विख्यात मंदिर की नींव को तैयार करने में जुटे हुए हैं। अब यह कार्य तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसके इस माह के अंत तक या फिर आगामी माह के प्रथम सप्ताह में पूरा होने की संभावना है।
बांके बिहारी का मंदिर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में विख्यात है। लेकिन गत दिनों मंदिर के फर्श धंसने और मंदिर के गेट चार में एक तरफ झुकाव आने से हड़कंप मच गया था। मंदिर प्रबंधन करीब पांच माह से इस स्थित को सुधारने में जुटा हुआ है।
वृन्दावन में वैसे तो हज़ारों मंदिर हैं लेकिन भक्त बांके बिहारी के दर्शन किये बिना कभी नहीं जाते। आपको बता दें दिल्ली की निर्माणदायी संस्था आईआईटी दिल्ली और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की मदद से मंदिर की नींव को मजबूत बना रही है। आईआईटी दिल्ली और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सर्वे करते हुए प्राचीन श्रीबांकेबिहारी मंदिर में भूकंपरोधी उपाय न होने सहित जमीन में पानी के निरंतर रिसाव से भविष्य में बड़े खतरे के संकेत दिए थे।
मंदिर में रोज़ाना माहमारी से पहले लाखों लोग आया करते थे। मंदिर की सुरक्षा सर्वप्रथम है इसलिए। तकनीकी विशेषज्ञों की राय के बाद भविष्य में मंदिर की इमारत को भूकम्परोधी व मजबूत करने के उद्देश्य से निर्माण की रूपरेखा तैयार करते हुए निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा के अनुसार मुख्य परिसर में करीब पांच फीट खुदाई करने के बाद अत्याधुनिक मशीनों की मदद से 15 मीटर गहराई तक कंक्रीट की 65 पाइलिंग की गई हैं। इसके बाद इंजेक्शन ग्राउटिंग की जा रही है।