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क्या ऐसी होती है पुलिस, क्या ऐसा होता है पुलिस का काम

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क्या ऐसी होती है पुलिस, क्या ऐसा होता है पुलिस का काम, दरअसल पुलिस का काम ज़्यादातर देखा जाए तो वो सवालों के घेरे में ही रहता है। पुलिस अपने हिसाब से आगे बढ़ती नज़र आती है। पुलिस को लोगों को साथ लेकर उनके हित में काम करना चाहिए लेकिन ऐसा होता कहां है।

पुलिस है कि मानती ही नहीं है। पुलिस तो अपने ही रौब में रहती है, और यही कारण है कि पुलिस का नाम आते ही लोगों के मन में सुख-शांति का एहसास नहीं बल्कि डर की अनुभूति होती है।

क्या ऐसी होती है पुलिस, क्या ऐसा होता है पुलिस का काम

इन दिनों जगह-जगह से ऐसी ही घटनाएं सामने आ रही हैं जिन्हें देखकर सुनकर पुलिस पर कई सवालिया निशान उठने लगते हैं। अब यहां देखिए पुलिस ने हेलमेट न पहनने पर चालान हेलमेट का काटना चाहिए था लेकिन पुलिस ने लापरवाही के चलते चालान काट ट्रक का दिया। अब ज़रा आप ही सोचिए कि ऐसी बात से क्या आपके मन में सवाल उठेंगे या नहीं।

बतादें कि इसबार गोरखपुर पुलिस ने ये अजीब कारनामा किया है। पुलिस ने हेलमेट न पहनने पर एक ट्रक चालक का चालान काट दिया। एसपी ने इसे मानवीय चूक बताया है। दरअसल ट्रैफिक पुलिस ने हेलमेट न पहनने में ट्रक चालक का चालान काट दिया है।

क्या ऐसी होती है पुलिस, क्या ऐसा होता है पुलिस का काम

दो दिन पहले ट्रक का फिटनेस कराने ट्रांसपोर्टर आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो चालान कटने की जानकारी हुई। बुधवार को वह पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत करेंगे। ऑनलाइन चालान कर अपना कोरम पूरा करने के चक्कर में यातायात पुलिस का रोजाना ही एक नया मामला सामने आता है।

जिस तरह से पुलिस चालान के मामले में कार्रवाई कर रही है उससे तो अब यही लगता है कि दो पहिया वालों पर सख्ती कम कोरम पूरा करने का काम ज्यादा हो रहा है।

क्या ऐसी होती है पुलिस, क्या ऐसा होता है पुलिस का काम

राजघाट के टीपी नगर में रहने वाले मानवेंद्र प्रताप सिंह के नाम से एक ट्रक है। 30 अक्टू।बर 2019 को नौसढ़ में ट्रैफिक पुलिस ने चालान काट दिया। दो दिन पहले मानवेंद्र ट्रक का फ‍िटनेस कराने आरटीओ कार्यालय पहुंचे तो चालान बाकी होने की जानकारी हुई।

ट्रैफिक कार्यालय पहुंचने पर पता चला कि गाड़ी चालक के हेलमेट न पहनने के आरोप में चालान कटा है। चालान राशि जमा न होने पर कागज कोर्ट भेज दिया गया है। एसपी ट्रैफिक आशुतोष शुक्लम ने बताया कि बताया कि मानवीय भूल की वजह से ऐसा हुआ है।

अब ये कैसी मानवीय भूल है, क्या इस भूल की भी कोई सज़ा पुलिसकर्मियों को मिलती है या फिर मिलनी चाहिए। क्योंकि ऐसा मामला कोई पहला नहीं आया है इससे पहले भी ऐसे ही कई मामले सामने आते रहे हैं।

अब यहां बड़ी बात ये आती है कि कोई आम आदमी भूल करे तो सीधे कार्रवाई और इस तरह से पुलिसकर्मी कोई भी ग़लत कार्रवाई करे तो उसे सिर्फ मानवीय भूल मानकर बात को खत्म कर दिया जाता है।

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