कोरोना वायरस के संक्रमण से रिहा हुए फरीदाबाद के 23 लोग फिर कोरोना की गिरफ्त में आए

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अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं और इस वायरस को मात देकर ठीक होकर भी घर लौट रहे हैं। परंतु भारत में अलग-अलग राज्यों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां पर एकबार कोरोना से ठीक होने के बाद भी दोबारा कोरोना की जद में आ गए हैं।

फरीदाबाद में 23 लोगों को दोबारा संक्रमण ने जकड़ लिया

फरीदाबाद में 23 ऐसे लोगों में फिर से कोरोना संक्रमण पाया गया है। इस बात कि जानकारी स्वयं बुधवार को देते हुए बताई कि शहर में 23 ऐसे लोगों में फिर से कोरोना संक्रमण पाया गया है, जिन्हें पहले संक्रमण मुक्त घोषित किया जा चुका था।

कोरोना वायरस के संक्रमण से रिहा हुए फरीदाबाद के 23 लोग फिर कोरोना की गिरफ्त में आए

इनमें से ज्यादातर ईएसआईसी कॉलेज का स्टाफ व अन्य लोग शामिल हैं। हालांकि, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और ईएसआईसी ने शोध की आवश्यकता जताई है। इनमें से ज्यादातर मरीज संक्रमण मुक्त घोषित होने के 1 महीने या 70 दिन के बाद दोबारा पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 2 या 3 मरीजों में 20 दिन बाद ही फिर से संक्रमण मिलने की बात सामने आई है।

मंगलवार के आंकड़ों के अुनसार जिले में अब तक 16,407 लोग संक्रमित

अब तक 16,407 लोग संक्रमित हो चुके हैं
विभाग की ओर से जारी मंगलवार के आंकड़ों के अुनसार जिले में अब तक 16,407 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 14,446 स्वस्थ भी हो गए हैं। लेकिन, संक्रमण मुक्त घोषित किए जा चुके लोग फिर से कोरोना वायरस की चपेट में आते दिख रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट होने पर संक्रमण की रफ्तार में तेजी आने की आशंका भी जताई जा रही है।

कोरोना वायरस के संक्रमण से रिहा हुए फरीदाबाद के 23 लोग फिर कोरोना की गिरफ्त में आए

संक्रमण मुक्त घोषित होने के 1 महीने या 70 दिन के बाद दोबारा पॉजिटिव पाए गए मरीज

ईएसआईसी के मुताबिक दोबारा संक्रमित पाए गए 23 लोगों में से पहले भी अधिकतर की सेहत ठीक थी। केवल कुछ लोग ही बीमार थे। पहली दफा संक्रमण के दौरान सभी में माइल्ड लक्षण थे।

उन्होंने बताया कि 23 में से ज्यादातर मरीज संक्रमण मुक्त घोषित होने के 1 महीने या 70 दिन के बाद दोबारा पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 2 या 3 लोग ऐसे हैं, जिनमें महज 20 दिन बाद ही फिर से संक्रमण मिला है।

कोरोना वायरस के संक्रमण से रिहा हुए फरीदाबाद के 23 लोग फिर कोरोना की गिरफ्त में आए

डिप्टी डीन ने बताया कि शरीर में एंटीबॉडी 14 दिन बाद आ जाती है, जो दो से ढाई महीने तक रहती है। जिन लोगों को फिर से कोरोना हुआ है, उनमें से केवल 30 प्रतिशत में ही एंटीबॉडी बनी है और बाकी 70 प्रतिशत में एंटीबॉडी बनी ही नहीं।

कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित नहीं हो पाई

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डिप्टी डीन डॉ. एके पांडे ने बताया कि दोबारा से संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं और इस पर शोध की आवश्यकता है।

उनके अनुसार ठीक हुए व्यक्ति में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित नहीं हो पाई होंगी या फिर मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हैं। उन्होंने बताया कि हमारे मेडिकल स्टाफ सहित अन्य लोग दोबारा से संक्रमित पाए गए हैं।

वहीं उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामभगत ने कहा कि लोग सोच रहे हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद वह फिर से संक्रमित नहीं होंगे। वह ऐसा गलत सोच रहे हैं क्योंकि कई लोग ऐसे आ रहे हैं जिन्हें फिर से कोरोना हो रहा है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।