एचएससी बना भ्रष्टाचार का अड्डा, रोजगार देने में फिसड्डी साबित हुई बीजेपी जेजेपी सरकार : रणदीप सिंह सुरजेवाला

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सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली सरकार ने युवाओं के मुंह से निवाला छीना हुआ है। शिक्षित होने के बाद भी रोजगार के लिए युवाओं को दरबदर भटकना पड़ रहा है। ऐसे में युवाओं के हमदर्द बने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने फिर एक बार बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है।

सुरजेवाला ने युवाओं को रोजगार दो की मुहिम को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।

एचएससी बना भ्रष्टाचार का अड्डा, रोजगार देने में फिसड्डी साबित हुई बीजेपी जेजेपी सरकार : रणदीप सिंह सुरजेवाला

तभी तो पांच-पांच सालों से नतीजे घोषित नहीं किए जा रहे हैं। नतीजे ना घोषित होने के चलते युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं और उन्हें दर बदर भटकने पड़ रहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि अगर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल की औलाद होती तो उन्हें पता चलता कि जब एक पढ़ा लिखा बच्चा घर बैठा होता है, तो उसके मां-बाप के मन पर क्या बीतती है। वहीं जब मां-बाप के अरमानों पर पानी फिरा हुआ दिखाई देता है तो एक शिक्षित युवा भी अपने मां-बाप के कष्ट दूर करने में असमर्थ साबित हो जाता है।

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नौकरियों को लेकर सुरजेवाला ने कहा कि गठबंधन सरकार ने नौकरियों पर ग्रहण लगा दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सत्ता का आनंद ले रहे हैं। वहीं प्रदेश का की बेरोजगारी दर बढ़कर 34 फ़ीसदी हो गई है। उधर, युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि अगर हरियाणा की सरकार हकीकत में युवा हितेषी है तो अगले 1 महीने में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन और पब्लिक सर्विस कमीशन की सभी परिणामों को घोषित कर दे और नई भर्तियों पर लगी रोक को भी हटा ले। ताकि कोरोना काल से निराश हुए युवाओं को रोजगार मिलेगा औऱ एक उम्मीद की रोशनी दिखेगी।

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उन्होंने कहा कि मां-बाप इतनी मसशक्त कर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा और उच्च स्तर की शिक्षा देने के लिए दिन रात मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। उन्हें यह उम्मीद होती है कि उनका बेटा पढ़ लिख कर ना सिर्फ अच्छा इंसान बल्कि अच्छे स्तर पर काम करेगा तो उनके जीवन के अंधेरों को भी दूर किया जा सकेगा। परंतु आज का युवा शिक्षित होने के बावजूद भी रोजगार के लिए दर दर ठोकरें खाने को मजबूर हो गया है, ऐसे में किसी भी सरकार से क्या उम्मीद लगाई जा सकती है।