जेजेपी पार्टी में हलचल मची हुई है। पहले एमएलए राम कुमार गौतम ने पार्टी का साथ छोड़ा और अब देवेंद्र बबली ने भी पार्टी से कन्ने काट लिए। जेजेपी ने हरियाणा में अपना सिक्का जमाकर खुदको स्थापित किया है।
ऐसे में दो कद्दावर नेताओं का पार्टी से अलग होना पार्टी की प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहा है। हरियाणा में भाजपा के साथ हाथ मिलाकर जेजेपी सत्ता पर काबिज हुई थी। दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में पार्टी के 10 एमएलए जीत का सेहरा बांध कर राजनीति में सक्रिय हुए।
चुनाव में जीत हासिल कर दुष्यंत ने दाव चला और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री बने। पर धीरे धीरे चौटाला की पार्टी में खिट पिट की खबरें सामने आने लगी है। उदहारण के तौर पर राम कुमार गौतम का पार्टी से अलग होने का फैसला लिया जा सकता है।
जब राम से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने बताया कि दुष्यंत अपने आगे किसी की नही सुनते। वह टीम लीडर बनने के काबिल नही हैं। साथ ही साथ देवेंद्र बबली ने पार्टी से अलग होते हुए बड़ा बयान दिया है। बबली ने कहा कि दुष्यंत ने डिप्टी सीएम बनने के बाद अपने वादों को पूरा नही किया है।
उप मुख्यमंत्री बनने के बाद दुष्यंत को हर बोर्ड के लिए अलग अलग आयुक्तों का चयन करना था पर उन्होंने ऐसा नही किया। बबली ने दुष्यंत पर वादा तोड़ने का इल्जाम लगाया है। साथ ही साथ उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि इस विषय में दुष्यंत से बात की गई थी पर उन्होंने आला कदम नही उठाए।
देवेंद्र ने दुष्यंत के कार्यभार को गुंडा राज ठहराते हुए कहा कि यह सरकार धांधलेबाजी करती है और भ्रष्ट है। ऐसे में जेजेपी से कद्दावर नेताओं का अलग होना पार्टी की मान्यता पर सवाल उठता है। दुष्यंत के कार्यभार पर पहले भी सवाल उठाए गए हैं। ऐसे में यह विपक्ष के लिए एक बड़ा दाव साबित हो सकता है।