Categories: Education

इस सरकारी स्कूल के सामने फेल है शहर के कई प्राइवेट स्कूल जानिए कौनसा है यह स्कूल ।

फरीदाबाद : लोगो की मानसिकता है की सरकारी स्कूल में पढ़ना मतलब समय की बर्बादी ,सरकारी स्कूलों में ना शिक्षा का स्तर अच्छा है न ही स्कूल की संरचना अच्छी होती है लेकिन लोगो की सोच से परे एक ऐसा सरकारी स्कूल है जो शिक्षा के नए आयाम लाने की कोशिश कर रहा है

पुराने अनुभव के साथ नई तकनीकि को भी जोड़कर बच्चो को पढ़ाया और सिखाया जा रहा है। पहचान फरीदाबाद ने जब बल्लभगढ़ के राजकीय कन्या आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दौरा किया तो जाना की एक सरकारी स्कूल भी आज के समय में किसी निजी स्कूल से कम नहीं है

इस सरकारी स्कूल के सामने फेल है शहर के कई प्राइवेट स्कूल जानिए कौनसा है यह स्कूल ।

बस थोड़े से सहयोग की और जररुत है इस कन्या विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने बताया की इस कन्या विद्यालय में बच्चिया बहुत दूर दूर से पढ़ने आती है हम कोशिश करते है की सभी को शिक्षा मिले और कोई भी बच्ची अशिक्षित न रहे।

प्राधानाचार्य अशोक कुमार

यह स्कूल पहले की अपेक्षा अब बेहतर हो गया है। स्कूल को बेहतर बनाने में गुड ईयर ने भी मदद की है उन्होंने इस के लिए फंडिंग की ताकी इस स्कूल को आगे बढाया जा सके

हूमाना पीपुल टू पीपुल एनजीओ की मेघा शर्मा ने इस स्कूल की तस्वीर को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। मेघा शर्मा ने प्राइमरी स्कूल की दीवारो को अपनी कलाकृति के माध्यम से सजाया है।

दीवारों के माध्यम से पढ़ा जा सकता है

जब स्कूल में जाकर देखा तो लगा ही नहीं की किसी सरकारी स्कूल में खड़े है वहां पर बच्चो के ज्ञान को बढ़ाने के लिए दीवारों पर पैन्टिन्ग की गई है जिसमे हिंदी के स्वर और व्यंजन लिखे गए बच्चे आते जाते पढ़ने के लिये गणित के पहाड़े लिखे गए है सौर मंडल देख सके और चीजों को आसानी से जान पाए ।

इन सभी की डिजाइन को मेघा ने स्कूल के प्रधानाचार्य और स्कूल स्टाफ के साथ मिल कर बनाया है और इससे स्कूल में पढाई जितनी रोचक हुई है उतनी ही आसान भी हुई है क्योंकि यहाँ के अध्यापक सभी चीजों का ध्यान बखूबी दे रहे है ।

स्कूल में पढ़ाई का स्तर है बेहतर

इस स्कूल में पढ़ाई का स्तर बहुत बेहतर है यहाँ पर बच्चो की पढाई का विशेष ध्यान दिया जाता है स्कूल में अनुशासन के साथ पढ़ना अनिवार्य है और सभी अध्यापक अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ पढ़ाते है साथ ही बच्चो को किस प्रकार पढ़ाया जा इसका

पूरा ख्याल यहाँ के प्रधानाचार्या रखते है। स्टूडेंट्स के लिए बेहतर क्लास रूम खेलने के लिए साफ सुथरा मैदान , कंप्यूटर लैब , म्यूजिक रूम , क्लीन वाशरूम भी यहां पर बनाये गए है । दिव्यांग बच्चो के लिए शिक्षा का प्रावधान है

सरकार संज्ञान दे तो और हो सकता है सुधार

स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया की सरकर का सहयोग और अधिक प्राप्त हो तो बच्चो को और अच्छी तालीम दी जा सके अभी बच्चे कोरोना के कारण स्कूल नहीं आ रहे है लेकिन सरकार ने बच्चो को स्कूल आने की इज़ाजत दे दी है लेकिन 2700 की संख्या है बच्चियों की कैसे इतने बच्चो पढ़ाया जाएगा बच्चियां जमीन पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर है

साथ ही अभी और बच्चियां एड्मिशन लेती जा रही है और स्कूल के क्लास में बैठने के लिए जगह नहीं है अब कहा उन बच्चो बैठाया जाएगा इसमें सरकार के सहयोग की जरूरत है

आखिर क्यों है शिक्षा जरूरी

ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी डिक्शनरी के अनुसार, ज्ञान का अर्थ है शिक्षा या अनुभव के माध्यम से तथ्य, सूचना और कौशल प्राप्त करना। ज्ञान किसी विषय के सैद्धांतिक या व्यावहारिक समझ का गठन करता है। मानव समाज के वंशज, वानर व् अन्य जानवरों से केवल ज्ञान और उपयोग के कारण अलग हैं। ज्ञान केवल शिक्षा के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

यह बिना कहे ही जाना जा सकता है कि समानता बनाने तथा आर्थिक स्थिति के आधार पर बाधाओं तथा भेदभाव को दूर करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। राष्ट्र की प्रगति और विकास सभी नागरिकों की शिक्षा के अधिकार की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago