चरमरया स्वास्थ्य विभाग सिस्टम कोरोना संक्रमितों ने किया होम आइसोलेशन का रुख

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कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही लोग तो लापरवाही बरत ही रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम भी हिल गया है कोविड अस्पताल से रोजाना होम आइसोलेशन की अनुमति ऐसे मरीजों को दी जा रही है, जिन्हें बिल्कुल कोई लक्षण नहीं हैं। हल्के लक्षण वालों को कोविड केयर एवं ज्यादा लक्षण वालों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है।

जिले में कोरोना संक्रमित आंकड़ा कितनी तेजी से बढ़ रहा है कि अब स्वास्थ्य सेवाऐ नाकाफी साबित हो रही है ऐसे में नए आने वाले ज्यादातर संक्रमतो को होम आइसोलेशन में भेजने का ही रास्ता नजर आ रहा है जिले में फिलहाल 1800 से अधिक सक्रिय मरीज है

चरमरया स्वास्थ्य विभाग सिस्टम कोरोना संक्रमितों ने किया होम आइसोलेशन का रुख

जबकि उपचार के लिए आरक्षित पदों की संख्या महज 1787 है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अस्पताल में इलाज के मारे जाने वाले मरीजों को ही भर्ती कर रहा है संक्रमण की रफ्तार बीते 15 दिनों में काफी बढ़ गई है सप्ताह सितंबर माह की शुरुआती 18 दिनों में 4167 नए मामलों की औपचारिक पुष्टि हो चुकी है

इनमें से करीब 80 फ़ीसदी मामले होम आइसोलेशन के है । स्वास्थ्य विभाग को गंभीर माने जाने वाले मरीजों एवं आइसोलेशन में असमर्थ मरीजों को ही मदद दे रहा है ऐसे में जिले के 20 फीसदी मामले ही अस्पताल पहुंच रहे हैं

आइसोलेशन का तरीका जिले के स्वास्थ्य सेवाओं को ऑक्सीजन दे रहा है फिलहाल उपचाराधीन 1800 से अधिक रोगियों में से महज 20 फीसदी ही अस्पताल में है साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी रणदीप पुनिया का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामले में से बेहद कम है

चरमरया स्वास्थ्य विभाग सिस्टम कोरोना संक्रमितों ने किया होम आइसोलेशन का रुख

अस्पताल में इलाज योग्य हैं गैर लक्षण वाले मरीज सावधानी बरतने पर घर पर ही स्वच्छ हो सकते हैं ऐसे मरीजों को विभाग घुमाए सुलेशन में ही सर्विलेंस पर रखता है परेशानी होने पर हरी मरीज के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है फिलहाल स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त है