फरीदाबाद के ESIC मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल तीसरे स्टेज में पहुँच गया है। इससे पहले हरियाणा में रोहतक के PGI में कोवैक्सीन ट्रॉयल का पहला फेज पूरा होने के बाद 80 वॉलिंटियर्स के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। अब फरीदाबाद के ESIC (Employees’ State Insurance Corporation) कॉलेज और अस्पताल में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
मौजूदा हालात में भारत में कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं जिन पर अंकुश लगाना सरकार के लिए बहुत ज़रूरी हो गया हैं। ऐसे में वैक्सीन आना ही एक मात्र विकल्प है जिनसे कोरोना संक्रमितों का इलाज और कोरोना के इस संक्रमण का निवारण हो पायेगा। बता दें कि भारत में विकसित इस वैक्सीन का नाम कोवैक्सीन है जिसका बनाने वाली कंपनी अभी ट्रायल्स कर रही है।
ESIC अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज़ वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल ले सकते हैं जिसके बाद उनका सैंपल बाकी मेडिकल एजेंसियों को जांच के लिए भेजा जायेगा। भारत बायोटेक हैदराबाद की वो कंपनी है जो ICMR और NIV (Indian Council Of Medical Research And National Institute Of Virology) के सहयोग से वैक्सीन के विकास में जुटी है।
फरीदाबाद में जिले में आज 290 नए करोना मरीज़ पाए गए। बीतें 24 घंटो में 2 मरीज़ो की मृत्यु हुईं है। अब तक फरीदाबाद में कुल 1 लाख से ज़्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिसमें एक्टिव मामले अभी 1825 हैं। फरीदाबाद जैसे हरियाणा के अन्य जिलों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति बानी हुई है। ऐसे में इस वायरस से लड़ने के लिए इसकी वैक्सीन आना बेहद ज़रूरी हो गया है।
कोरोना की वैक्सीन पर पूरी दुनिया में ही एक तरह की स्पर्धा चल रही है जहां सभी देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी है। वहीं भारत के लिए कोरोना की वैक्सीन- कोवैक्सीन का विकास देश के लिए न सिर्फ गर्व का विषय होगा बल्कि देश की जनता के लिए बेहद ख़ुशी की बात होगी। Written By- MITASHA BANGA