हर कोई किस्मत का धनी नहीं होता है, जिनके साथ नहीं किस्मत, वो करें ऐसा। वैसे बहुत लोग किस्मत पर भरोसा करते हैं और कहते हैं कि अगर किस्मत में होगा तो हो जाएगा। यानी कुल मिलाकर कुछ लोगों का ये मानना होता है कि अगर किस्मत में होगा तो मिल जाएगा और अगर नहीं होगा तो नहीं मिलेगा, लेकिन कुछ लोग इसके पीछे का भेद नहीं जानते हैं और वो भेद ये है कि किसी बुद्दिजीवी ने कहा है कि कई बार किस्मत में होता ही वहीं है जो हमें करने से मिलता है।
तो आप किस्मत के भरोसे ना रहकर खुद पर भरोसा कर अपनी किस्मत अपनी मेहनत के दम पर बनाने की कोशिश करें। खैर अब हम कुछ काम आपको बताने जा रहे हैं, अगर आपकी किस्मत भी नहीं दे रही है आपका साथ, तो अगले 30 दिनों में आपको ये काम करने चाहिए।
बतादें कि मलमास का महीना 18 सितंबर से शुरू हो चुका है। ये पूजा पाठ के लिए विशेष महीना होता है। कहा जाता है कि ये पूरा महीना भगवान विष्णु की भक्ति के लिए समर्पित होता है।
चूंकि इस माह में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। अगर आप पुरूषोत्तम मास में भगवान विष्णु की भक्ति के साथ उन्हें खीर का भोग लगाएंगे तो ये आपके लिए शुभ होगा।
भगवान विष्णु का दूसरा नाम पीताम्बर भी है, चूंकि भगवान को पीले कपड़े काफी पसंद हैं, इसलिए उनका नाम पीताम्बर पड़ा है। लिहाजा पुरूषोत्तम मास में पीले वस्त्र, पीले रंग के अनाज और फल भगवान विष्णु को चढ़ाएं और फिर इसका दान भी करें। श्री हरि के सबसे पसंदीदा चीजों में से एक तुलसी है।
खर मास में तुलसी पूजन अवश्य करें। पुरूषोत्तम मास में हर रोज ब्रह्ममुहुर्त में उठकर भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व है। माना जाता है कि पीपल के पेड़ पर स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए मलमास में रोजाना पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करना चाहिए।
खर मास या कहें पुरूषोत्तम मास में रोजाना सूर्योदय से पहले उठें और नित्यकर्म करने के बाद उगते हुए सूरज को जल जरूर अर्पित करें। मलमास के दौरान रोजाना दक्षिणावर्ती शंख की अवश्य पूजा करनी चाहिए।
अगर आप नौकरी-पेशा से जुड़े हुए हैं और आपको अपने कार्यक्षेत्र में प्रमोशन चाहिए, तो पुरूषोत्तम मास की नवमी तिथि को कन्याओं को भोज जरूर कराएं।
ये कुछ काम ऐसे हैं जो पूण्य, परोपकार के रूप में होते हैं, और अगर आप आस्था के मानने वाले हैं तो अगर आप इस तरह से नितदिन और नियमित काम करते हैं तो यकीन मानिए इन सबके करने से आपका मन, चित एकदम शांत होगा। अगर आपका मन-मंदिर शांत होगा तो उसमें रोज़ाना नये और स्वच्छ विचार आयेगे।
शुद्ध विचारों के आने से आप तो संतुलित होंगे ही, साथ ही आपके आसपास का पूरा वातावरण भी संतुलित होगा और फिर समाज में नई किरण का उजियारा होगा। लोग आपसे बहुत प्रभावित होंगे और इससे आप हमेशा ही प्रसन्न रहेंगे। ये सब आपके लिए और आपके अपनों के लिए बेहद लाभकारी होगा।